सुप्रीम कोर्ट में हुई यह याचिका पर आधारित सुनवाई में, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणियाँ की हैं। कई बार रोके जाने के बावजूद, पराली जलाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से कहा है कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें एमएसपी का लाभ नहीं मिलना चाहिए। कोर्ट ने इस पराली जलाने के प्रदर्शनों के बारे में जानकारी प्राप्त की है और सुनवाई में पंजाब सरकार को कड़ी सुनवाई के लिए आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा है कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें एमएसपी का लाभ नहीं मिलना चाहिए, जिससे उन्हें अपने कृषि उत्पादों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) का लाभ हो सके। कोर्ट ने यह भी कहा है कि बिहार में किसान पराली को जलाते नहीं, बल्कि वह खुद ही इसे अपने हाथों से काटते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर एक कड़ी टिप्पणी की है कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उन्हें एमएसपी का लाभ नहीं मिलना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए पराली जलाने के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की बढ़ती समस्या को भी महत्वपूर्ण माना है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बिहार में किसानों की एक विशेष पहल को सराहा भी दिया है जिसमें किसानों को पराली जलाने के लिए उचित और सस्ती तकनीकी साधनों की पहुंच उपलब्ध कराई गई है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इसमें और सुधार करने की जरूरत है और अन्य राज्यों को भी इस पहल का उदाहरण लेना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणियाँ आगे की कड़ी कदमों की आवश्यकता को रूझान में ला सकती हैं, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए उचित मूल्य मिल सके और पर्यावरण को भी नुकसान ना हो।