बिहार राज्य ने स्वच्छता मिशन में अभियांत्रिकी द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बावजूद राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में कोसों दूर है। बिहार के किसी भी शहर ने अब तक स्वच्छता मिशन की स्टार रेटिंग में शामिल नहीं होने के बावजूद, पटना नगर निगम ने गार्बेज फ्री शहर बनने की तैयारी की है। इसके लिए नगर निगम ने इंदौर नगर निगम से मदद लेने का फैसला किया है।
गार्बेज फ्री सिटी के अभियांत्रिकों की टीम ने पटना नगर निगम के सभी 175 वार्ड का सर्वे किया है और इस तरह पूरे शहर को शामिल किया है। नगर निगम की तरफ से इस समय थ्री स्टॉर रेटिंग की कवायद की जा रही है, और नगर निगम को उम्मीद है कि इस बार कम से कम थ्री स्टार रेटिंग मिलेगी। देश में कुल 143 शहरें हैं जिन्हें थ्री स्टॉर रेटिंग हासिल है, और पटना नगर निगम इस सूची में शामिल होने की तैयारी कर रहा है।

स्वच्छता सर्वे को चार चरणों में पूरा किया गया है और इसमें 9500 अंकों को शामिल किया गया है, जो कि 2000 अंकों का इजाफा है। इसमें सर्विस के लिए 4525 अंक,सर्टिफिकेशन के लिए 2500 अंक, और सिटीजन फीडबैक के लिए 2475 अंक शामिल हैं।

नगर निगम की तैयारी के बाद, अब नतीजे का इंतजार है, जो अगले महीने जारी होने वाले हैं। इसके साथ ही, बिहार को स्वच्छता में उच्चतम स्थान पर पहुंचाने के लिए नगर निगम ने कई पहल किए हैं जो शहर को गार्बेज फ्री बनाने की दिशा में हैं।इस पहल के अंतर्गत, पटना नगर निगम ने कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं, जिसमें 650 कचरा प्वाइंट्स को बंद करना भी शामिल है। निगम ने इस दिशा में केंद्रीय टीम की मदद ली है, जिसने पहले ही शहर की स्वच्छता की विश्लेषणा की है।
स्वच्छता सर्वे को चार चरणों में पूरा किया गया है, और इसमें कई मापदंडों का आकलन किया गया है। सर्वे प्वाइंट, सर्टिफिकेशन, और सिटीजन फीडबैक को मिलाकर एक अंकमाला तैयार की गई है, जिससे पटना को गार्बेज फ्री शहर के रूप में स्वीकृति मिलने की संभावना है। इससे नगर निगम को आने वाले महीने में नए नतीजों की प्रतीक्षा है, जो स्वच्छता मिशन में बिहार को एक नया मील का पत्थर देने के लिए रह सकता है।