सिंगूर जमीन विवाद में टाटा मोटर्स की बड़ी जीत के बारे में और इस विवाद के पीछे की दास्तान के बारे में विस्तृत जानकारी नीचे प्रस्तुत है:टाटा मोटर्स ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में नैनो प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदने के प्रयासों में सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में 15 साल बाद बड़ी सफलता प्राप्त की हैं। इसके परिणामस्वरूप, एक मध्यस्थता पैनल ने सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में टाटा मोटर्स के हक में फैसला किया है।
इस फैसले के बाद, बंगाल सरकार को टाटा मोटर्स को 766 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। सिंगूर प्लांट में हुए जमीन विवाद के बाद, टाटा मोटर्स ने अपनी नैनो कार की मैन्युफैक्चरिंग को पश्चिम बंगाल से गुजरात के साणंद में शिफ्ट करना पड़ा था। इस विवाद के दौरान, टाटा मोटर्स ने सिंगूर प्लांट में करीब 1000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश किया था।
टाटा मोटर्स ने बताया कि तीन-सदस्यीय पंचाट न्यायाधिकरण ने उनके हक में फैसला किया है और उन्हें हकदार माना गया है। इस फैसले के अनुसार, टाटा मोटर्स को सितंबर 2016 से 11 फीसदी की ब्याज दर के साथ 766 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। विवाद का आरंभ 2006 में हुआ था, जब रतन टाटा ने सिंगूर में नैनो प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। इसके बाद, जमीन की खरीदी की प्रक्रिया में आपत्तियाँ उत्पन्न हो गई थीं और एक व्यापक विवाद का समाधान नहीं हो सका। विवाद में तृणमूल कांग्रेस ने पूरी तरह से विरोध किया था।
इस जीत के बाद, टाटा मोटर्स ने सिंगूर-नैनो प्रोजेक्ट केस में अपने हक की पुनर्प्राप्ति की दिखाई और बंगाल सरकार को 766 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदान-प्रदान किया है।