मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: 2013 में हुए दंगों की आग अब भी सुलग रही है, और इसमें इमराना का हाथ होने का शक है। इमराना, जो काफी समय से मौके के इंतजार में थी, अब एसटीएफ के संदेहों का शिकार हो गई हैं। एसटीएफ को इसकी खुफिया जानकारी नहीं मिल रही थी, जिससे इमराना को अरेस्ट नहीं किया जा सका।
मुजफ्फरनगर में दंगों की आग सुलग रही है और इसमें इमराना का हाथ होने का आरोप है। उनके पति के साथ वह प्रेमपुरी इलाके में रहती थीं, और उनकी गतिविधियों में संदेह होने पर एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार किया। इमराना ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं और उनके साथी के पास से जिंदा टाइम बम बरामद किए गए हैं।
इमराना ने बताया कि वह और उनके पति झाड़-फूंक करते हैं और उनके पति लकड़ी का काम और खेतीबारी करते हैं। इमराना का घर 2013 के दंगों में जला दिया गया था, जिससे उन्हें बहुत नुकसान हुआ था। तब से उनका गुस्सा बढ़ गया और वह बदला लेने की फिराक में थीं।
इमराना ने बताया कि कुछ साल पहले उनकी मुलाकात जावेद से हुई थी, जो टाइम बम बनाने में माहिर था। जावेद ने उन्हें दो बम दिए थे, जिन्हें उन्होंने अपने घर में रखा था। इनमें से एक बम खराब हो गया था, जिसे उन्होंने काली नदी में फेंक दिया था, और एक बम को उन्होंने अपने जानने वालों को दे दिया था।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि कुछ दिन पहले इमराना ने जावेद से 10 बम बनाने के लिए कहा था, लेकिन जावेद ने सिर्फ 5 बम बना पाए थे। दो दिन पहले जावेद इमराना को 4 बम देने जा रहा था, जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इमराना और उसके साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है, और मामले की जांच शुरू की गई है।