टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के कामकाज करने की नकल की। कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन के दौरान सभापति अथवा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बोलने की तरीके की नकल की।
नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में चूक पर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जारी है। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया गया । हंगामा कर रहे कई विपक्षी सांसदों को आज और सस्पेंड कर दिया गया। इस बीच टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। जिस समय टीएमसी सांसद नकल कर रहे थे उस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई दलों के नेता व सांसद मौजूद थे।
राहुल गांधी ने बनाया वीडियो

मिली जानकारी के अनुसार, सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाया। बनर्जी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों की मौजूदगी में संसद की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान धनखड़ का मजाक उड़ाया। मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खड़े थे और वह बनर्जी द्वारा धनखड़ की नकल किए जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए। इस दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा समेत कई सांसद ताली बजाते नजर आए।
धनखड़ ने सांसद की आलोचना की

इस बीच विपक्षी सदस्यों द्वारा संसद सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए सदन में हंगामा जारी रखने के बाद लंच से पहले की अवधि के दौरान राज्यसभा को 2 बार स्थगित करना पड़ा। सभापति ने एक सांसद द्वारा स्पीकर और सभापति की मिमिक्री और इस हरकत की वीडियोग्राफी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह शर्मनाक है और इसकी कोई सीमा होनी चाहिए। धनखड़ ने कहा ने कहा कि सभापति की मिमिक्री करना हास्यास्पद, शर्मनाक और अस्वीकार्य है। वहीं, बीजेपी सांसद ने इसकी आलोचना की है।
अब तक 140 से ज्यादा सांसद सस्पेंड

बता दें कि संसद के दोनों सदनों में आज भी जमकर हंगामा हुआ। आज विपक्ष के 49 सांसद और निलंबित कर दिए गए। इसके साथ सस्पेंड किए गए सांसदों की संख्या बढ़कर 140 से ज्यादा हो गई है। विपक्षी सांसदों निलंबन पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि आज लगभग 40 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए हैं। कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह केंद्र सरकार की पूरी विफलता को दिखता है।