टीवी डी-1 मिशन में विकास का काम यह है कि इसरो (ISRO) द्वारा विकसित किए गए क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग करना। इस सिस्टम की सफलता से ही भारत में मानवरहित मिशनों के लिए एक मंच तैयार किया जाएगा। टीवी डी-1 मिशन की लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और इसका मुख्य उद्देश्य है टेस्ट व्हीकल के सभी सब-सिस्टम का परीक्षण करना।
इस मिशन का अहम हिस्सा है भारत के पहले मानव मिशन, गगनयान, के लिए रॉकेट के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग। इस मिशन के दौरान, टेस्ट व्हीकल नामक यान, जिसे आपने “VIKAS” कहा है, का उद्देश्य उड़ान की परफार्मेंस और टेस्ट व्हीकल के सभी सब-सिस्टम का परीक्षण करना है। यह एक संशोधित विकास इंजन का इस्तेमाल करता है जिसका वजन लगभग 44 टन है और यह तरल ईंधन से ऑपरेट होता है।
इसरो ने बताया है कि पूरे प्रक्रिया के दौरान इस टेस्ट व्हीकल को समुद्र में उतराने तक का समय लगभग 9 मिनट होगा। टेस्टिंग के दौरान, नेवी भी अलर्ट पर रहेगी। जब टेस्ट व्हीकल समुद्र में गिरेगा, तो इंडियन नेवी को उसे रिकवर करने का काम करना होगा। इस प्रक्रिया में पैराशूट का भी उपयोग होगा, जिससे क्रू मॉड्यूल सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड होगा। नेवी की टीम समुद्र में जा कर टेस्ट व्हीकल को रिकवर करेगी और उसे किनारे तक पहुंचाएगी।
इस तरह का सफल परीक्षण भविष्य में मानवरहित मिशनों के लिए एक सुरक्षित मंच तैयार करेगा और इससे भारत को अंतरिक्ष में अपने अंतरिक्षयात्रीयों को भेजने की क्षमता मिलेगी।