वायनाड के दौरे पर गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक सनसनीखेज दावा करते हुए सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है कि उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। राहुल ने यह दावा अपने ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद किया है, जो उन्होंने संसद में दिया था। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह दावा करते हुए लिखा, “जाहिर है ‘2 इन 1’ को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है… मेरी तरफ से चाय और बिस्कुट।”
राहुल का दावा और राजनीतिक प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने यह दावा आधी रात के बाद 2 बजे के करीब किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। उन्होंने दावा किया कि संसद में उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद यह योजना बनाई जा रही है। इस बयान के बाद से संसद में भी इसकी चर्चा होने की संभावना है। राहुल गांधी इस समय केरल के वायनाड में हैं, जहां वे लैंडस्लाइड पीड़ितों से मिल रहे हैं। उनके साथ प्रियंका गांधी भी वहां मौजूद हैं।
चक्रव्यूह भाषण का असर
29 जुलाई को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा। राहुल ने यह दावा भी किया था कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मजबूती प्रदान की गई है।
अभिमन्यु का उदाहरण
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने फंसा कर मारा था। उन्होंने दावा किया था कि आज भी चक्रव्यूह रचने वाले छह लोग हैं। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चार और लोगों का नाम लिया था, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताई थी।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का वादा
राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी देगा। उन्होंने कहा था कि यह बजट युवाओं, किसानों और मध्य वर्ग को नजरअंदाज करता है और सिर्फ चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम करता है।
चाय और बिस्कुट के साथ इंतजार
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “ईडी का दोनों हाथों को खोलकर इंतजार कर रहा हूं… चाय और बिस्कुट के साथ।” इस बयान के बाद से विपक्ष और सरकार के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। राहुल गांधी का यह दावा एक तरफ जहां उनके समर्थकों के लिए हौसला बढ़ाने वाला है, वहीं दूसरी तरफ उनके विरोधियों के लिए चिंता का सबब बन सकता है।
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने इस बयान के बाद से अपने रुख को और आक्रामक बना लिया है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी के इस दावे का समर्थन करते हुए सरकार पर और अधिक दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह छापेमारी की योजना एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है और इससे पार्टी का मनोबल नहीं टूटेगा।
राहुल गांधी का यह दावा और उनका ‘चक्रव्यूह’ भाषण भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। इसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में राजनीतिक तापमान और बढ़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी के इस दावे पर सरकार और ईडी की प्रतिक्रिया क्या होती है और यह मामला आगे किस दिशा में बढ़ता है।