पूर्व उत्तर प्रदेश मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ ईडी की रेड व्यापक राजनीतिक गैरहाजिरी और चरमपंथी बहसों की उत्पत्ति के साथ साथ भ्रष्टाचार की चिंताओं को भी बढ़ाता है। इस मामले में उनके 13 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी देखने को मिली है। यह मामला बालू खनन के मामले में जुड़ा हुआ है।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ ईडी ने बिगड़े हालातों में कड़ी कार्रवाई की है। उनके ठिकानों पर रेड का मामला उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली और मुंबई तक फैला है। यह मामला बालू खनन से जुड़ा हुआ है, जिस पर ईडी की छापेमारी जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने देश के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे कई राज्यों में हुई है। यहां तक कि उनके घर के भी छापेमारी की गई है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि गायत्री प्रजापति के करीबी लोगों के ठिकानों पर भी ईडी ने छापेमारी की है। इसके साथ ही, उनके घर पर भी ईडी की टीम ने छापेमारी की है।
गायत्री प्रजापति का मामला बालू खनन के संदर्भ में है। उन्हें बालू खनन मामले में आरोपी माना जा रहा है। इस मामले में सीबीआई भी जांच कर रही है। पिछले दिनों सीबीआई ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी पूछताछ के लिए बुलाया था।
यह घटनाएं पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के विरुद्ध बड़े आरोपों की प्रमाणिकता को उजागर करती हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई और ईडी की कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
गायत्री प्रजापति के मामले में अब तक कुछ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और जांच जारी है। इसके बाद तथ्यों की प्रमाणिकता के बाद ही आगे कार्रवाई होगी।
सारांशत: गायत्री प्रजापति के खिलाफ ईडी की रेड एक महत्वपूर्ण और गंभीर कदम है। इसके बाद उन्हें बड़े आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। भ्रष्टाचार और अनैतिकता के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की जांच और कार्रवाई से लोगों में भरोसा बढ़ेगा और न्याय की जीत होगी।