नालंदा, भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपने विश्वविद्यालयों और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के दर्शनीय स्थलों की सुंदरता और धार्मिक माहौल ने विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित किया है। और इसी खूबसूरत और पावन स्थल पर भारतीय सरकार के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का पहला दौरा हुआ, जो उनके पदयात्रा के दौरान इस अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थल को गौरवान्वित किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का यह दौरा नालंदा यूनिवर्सिटी के एक दिवसीय कार्यक्रम के मौके पर हुआ, जिसमें वे विश्वविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण का आयोजन करने के लिए आए। इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों के साथ विशेष बैठकों में भाग लिये और उनके साथ ही यहां के माहौल का आनंद लिये।
उपराष्ट्रपति ने नालंदा यूनिवर्सिटी के आचार्य और छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्होंने अपने भाषण में विश्वविद्यालय के महत्व को हाइलाइट किया। उन्होंने यह साझा किया कि शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत की महान परंपरा के तहत नालंदा यूनिवर्सिटी का गौरव बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।कार्यक्रम के दौरान, नालंदा विश्वविद्यालय के पर्याप्त सुरक्षा की भी जिम्मेदारी ली गई, ताकि उपराष्ट्रपति और उनके साथी सुरक्षित रह सकें और वे अपने कार्यक्रम को बिना किसी चिंता के सम्पन्न कर सकें।
इस दौरे के माध्यम से, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नालंदा के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल को और भी अधिक प्रसिद्ध किया और इसे दुनिया भर के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में प्रस्तुत किया। उनका नालंदा यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ा हुआ यह दौरा शिक्षा, संस्कृति, और भारतीय विरासत के प्रति उनकी समर्पण भावना को प्रकट करता है, और यह स्थल उनके नेतृत्व में और भी उज्ज्वलता प्राप्त करता है।
इस प्रकार, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और सुदेश धनखड़ का नालंदा यूनिवर्सिटी का दौरा एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया, जिसने इस महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थान को और भी प्रमुख बनाया और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा दिया।