देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता ने भारी बारिश के चलते आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मैदान से लेकर पहाड़ों तक बारिश का कहर जारी है, जिससे लोग गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां भारी बारिश के कारण जान-माल का नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा रोकी गई

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के चलते 14 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में जगह-जगह पर लैंडस्लाइड और बारिश के कारण चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। गौरीकुंड-केदारनाथ मार्ग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है। राज्य में लगातार बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और गंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही

हिमाचल प्रदेश में भी बारिश का कहर जारी है। गुरुवार को कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है। मंडी में बादल फटने के बाद तीन मकान बह गए और अभी तक दो शव बरामद हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। राज्य में आज भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।
वायनाड में भूस्खलन से हाहाकार

केरल के वायनाड में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण अब तक 293 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल 130 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और 240 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। यहां सेना और अन्य राहत दल रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। आर्मी के जनरल कमांडर ऑफिसर मेजर जनरल वीटी मेथ्यू ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है और अब तक 154 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
राज्य सरकारों की तैयारियां और राहत कार्य

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर हैं। उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और गढ़वाल क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी है। देहरादून में पिछले 24 घंटों में 172 मिमी. बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना के चलते अलर्ट जारी किया गया है। सेना और अन्य राहत दल लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं और प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
चारधाम यात्रा पर असर

चारधाम यात्रा के दौरान भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते यात्री परेशान हैं। यात्रा मार्ग पर कई जगहों पर लैंडस्लाइड होने से यात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन ने सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया है और यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यात्रा मार्ग को साफ करने और उसे सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही की है।
मानसून की मार से सुरक्षा के उपाय
भारी बारिश और लैंडस्लाइड से बचने के लिए राज्य सरकारों और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। बारिश के दौरान नदी-नालों के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है और यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी लेने की अपील की गई है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में मानसून की सक्रियता ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण लोगों की मौत हुई है और कई लोग लापता हैं। राज्य सरकारें और प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मानसून की इस मार से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
इस कठिन समय में सभी को धैर्य और संयम बरतने की जरूरत है और प्रशासन की सलाह का पालन करना चाहिए ताकि इस विपदा से सुरक्षित निकला जा सके।