उत्तरकाशी, उत्तराखंड में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित निर्माणाधीन सुरंग (Tunnel) में 40 मजदूरों का फंसना संघटित हो गया है। इस संघटना के परिणामस्वरूप, एनडीआरएफ सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। यह सुरंग ब्रह्मखाल-यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच स्थित है, और इसमें विभिन्न राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं।
इस समय, सुरंग में मलबा हटाने और पाइप डालने के कामों की प्रक्रिया जारी है, और रेस्क्यू टीमें तत्परता से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं। एनडीआरएफ सुरंग के अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए 900 मिलीमीटर का स्टील पाइप डाला जा रहा है, जिससे उम्मीद है कि इससे लोगों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा सकेगा।
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक विशेष प्रकार के स्टील पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे सुरंग के दूसरे छोर तक बिछाने की कोशिश की जा रही है। उम्मीद है कि इस कोशिश से सभी मजदूरों को सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जा सकेगा।
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क साधा गया है, और इसके लिए पाइप लाइन का उपयोग किया जा रहा है। मजदूरों को भोजन के पैकेट पाइप के जरिए भेजे जा रहे हैं, जिसे पहले संदेश भेजने के लिए कोरे कागज पर लिखे गए संदेश की पर्ची के साथ इसी पाइप लाइन का उपयोग किया गया था।
इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में, मजदूरों के बाहर निकालने की संभावना है, और प्रशासन ने इसमें बदलाव करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं। उम्मीद है कि रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहेगा और सभी मजदूर सुरक्षित रूप से बाहर निकाले जाएंगे।
इस संघटना के दौरान, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, असम, और हिमाचल प्रदेश से आए मजदूरों को प्रबंधन द्वारा सहारा दिया जा रहा है, और केंद्र सरकार भी इस स्थिति में मदद कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की पूरी जानकारी ली है और सभी संभावनाओं से जुड़ी जानकारी प्राप्त की है।
इसके अलावा, डिज़ास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने बताया है कि रात 2:30 बजे हरिद्वार और देहरादून से आए ट्रक ने सिलक्यारा के घटनास्थल पर 900 एमएम व्यास के पाइपों से लदे हैं, जिनका उपयोग मजदूरों को मदद देने में किया जा रहा है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के परिणामस्वरूप, सरकार, प्रशासन, और रेस्क्यू टीमें सभी उत्साह और संकल्प से इस मुश्किल समय का सामना कर रही हैं और उम्मीद है कि सभी मजदूर सुरक्षित रूप से बाहर निकाले जाएंगे।