वाराणसी में लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण की वोटिंग के पहले, राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं की रैलियां और रोड शो हो रहे हैं। इस बीच, पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव भी वाराणसी पहुंच चुके हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर बीजेपी पर तीखे हमले किए हैं।
पप्पू यादव का वाराणसी दौरा
पप्पू यादव ने वाराणसी पहुंचने के बाद सोशल मीडिया साइट X (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के दावों पर सवाल उठाए हैं। वीडियो में पप्पू यादव ने वाराणसी रेलवे स्टेशन के बाहर लोगों को जमीन पर खुले आसमान के नीचे सोते हुए दिखाया और कहा कि प्रधानमंत्री के क्षेत्र में यही विकास है। उन्होंने अपने संदेश में लिखा, “इस बार बनारस अपने बेटे के साथ है और खुलकर बाय बाय मोदी बोल रहा है।” पप्पू यादव के इस बयान से वाराणसी में राजनीतिक गर्मी और बढ़ गई है।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी वाराणसी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय के पक्ष में जनसभा करने वाले हैं। राहुल और अखिलेश, अजय राय के पक्ष में परिवर्तन संकल्प सभा करेंगे, जिससे वाराणसी में चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा और सपा नेता डिंपल यादव ने भी वाराणसी में रोड शो किया था, जिससे जनता में जोश और उत्साह का माहौल बना हुआ है।
वाराणसी में त्रिकोणीय संघर्ष
वाराणसी लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के तीसरी बार उम्मीदवार हैं और इस सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय राय और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अतहर जमाल लारी से हो रहा है। यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है, वहीं कांग्रेस और सपा इसे जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
पप्पू यादव का बयान और रणनीति
पप्पू यादव का वाराणसी दौरा और उनका बयान राजनीतिक माहौल को और भी गरम कर रहा है। पप्पू यादव ने अपने वीडियो में कहा कि वाराणसी की जनता इस बार मोदी सरकार से नाराज है और बदलाव चाहती है। पप्पू यादव का यह बयान स्पष्ट रूप से बीजेपी के खिलाफ उनके मजबूत रुख को दर्शाता है। पप्पू यादव, अखिलेश यादव और राहुल गांधी के साथ नजर आने की संभावना भी जताई जा रही है, जिससे विपक्ष की एकजुटता का संदेश जनता तक पहुंचेगा।
अजय राय का समर्थन
राहुल गांधी और अखिलेश यादव के वाराणसी दौरे का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय के पक्ष में समर्थन जुटाना है। अजय राय वाराणसी से काफी समय से जुड़े हुए हैं और स्थानीय मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहे हैं। उनके समर्थन में आयोजित जनसभा और रैली से वाराणसी के मतदाताओं पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
वाराणसी का चुनावी महत्व
वाराणसी लोकसभा सीट पर 1 जून को वोटिंग होगी और इस सीट का चुनावी महत्व काफी बड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र होने के कारण इस सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। बीजेपी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न है, जबकि कांग्रेस और सपा के लिए यह सीट जीतना एक बड़ी सफलता होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण के मतदान से पहले वाराणसी का राजनीतिक माहौल गर्म है। पप्पू यादव का वाराणसी दौरा और उनके बयान ने बीजेपी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जनसभाओं से वाराणसी में विपक्ष की एकजुटता का संदेश भी जा रहा है। त्रिकोणीय संघर्ष के बीच, वाराणसी का चुनाव परिणाम क्या होगा, यह जानने के लिए 4 जून का इंतजार करना होगा। तब तक के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि किस प्रकार से विभिन्न राजनीतिक दल अपने अभियान को अंतिम रूप देते हैं और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं।