नई दिल्ली: ओल्ड राजेंद्र नगर में राव IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। 29 जुलाई को देश के प्रसिद्ध टीचर विकास दिव्यकीर्ति के दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, जिसके बाद मुखर्जी नगर स्थित दृष्टि IAS कोचिंग के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन भी किया।
ओल्ड राजेंद्र नगर की त्रासदी

ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई। यह घटना दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा उपायों की गंभीर कमी को उजागर करती है। इस त्रासदी के बाद एमसीडी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन सभी कोचिंग सेंटरों की जांच शुरू की, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
एमसीडी की कार्रवाई
दिल्ली नगर निगम ने 29 जुलाई को कई प्रमुख कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की, जिनमें दृष्टि IAS इंस्टीट्यूट, वाजी राम आईएएस इंस्टीट्यूट, वाजीराम एंड रवि इंस्टीट्यूट, वाजीराम एंड आईएएस हब, और श्रीराम आईएएस इंस्टीट्यूट शामिल हैं। इन कोचिंग सेंटरों के प्लॉट एरिया 700 से 1200 स्क्वायर मीटर तक है। इसके अलावा, 5 बिल्डिंग के बेसमेंट को सील किया गया है।
एमसीडी आयुक्त का बयान
दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने कहा कि ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि नगर निगम तीन मोर्चों पर काम कर रहा है: बरसाती नालों पर से अतिक्रमण हटाना, अवैध रूप से संचालित बेसमेंट को सील करना, और जलभराव को रोकने के लिए जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करना।
स्टॉर्मवॉटर नालों पर अतिक्रमण हटाना

आयुक्त अश्विनी कुमार ने कहा कि सबसे पहले, एमसीडी ने सड़क के दोनों ओर बने स्टॉर्मवॉटर नालों पर अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है। यह अतिक्रमण लोगों द्वारा कवर किए गए थे, जिसके कारण जलभराव हो गया था और नालों से गाद निकालना भी मुश्किल हो गया था। एमसीडी ने इलाके में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने और इन नालों को दोबारा चालू करने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान भी चलाया है।
अवैध रूप से संचालित कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई
दूसरा, एमसीडी ने अवैध रूप से संचालित कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को सील करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। सीलिंग अभियान उन अन्य क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा, जहां ऐसे संस्थान संचालित हो रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है।
जिम्मेदार इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई
तीसरा, एमसीडी ने जलभराव को रोकने के लिए जिम्मेदार रख-रखाव विभाग के इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है। करोल बाग जोन के जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
छात्रों का प्रदर्शन

दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि छात्रों में इस तरह की घटनाओं को लेकर कितना आक्रोश है। छात्रों ने एमसीडी से सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी कहा कि कोचिंग सेंटरों को आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।
ओल्ड राजेंद्र नगर की त्रासदी ने दिल्ली के कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा उपायों की गंभीर कमी को उजागर किया है। एमसीडी की कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह कदम छात्रों और उनके माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।