दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हालिया कोचिंग सेंटर हादसे ने छात्रों और उनके परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है। इस हादसे में दृष्टि IAS के मालिक, विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी संवेदनशीलता और सामुदायिक उत्तरदायित्व का परिचय दिया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों और अन्य प्रभावित छात्रों के लिए दो महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। इस लेख में, हम इन ऐलानों के विवरण और उनके प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगे।
हादसे की पृष्ठभूमि
ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई दुर्घटनाओं में चार छात्रों का असमय निधन हुआ। एक छात्र, नीलेश राय, जलमग्न सड़क पर करंट लगने से मारा गया, जबकि तीन अन्य छात्र, श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन, एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में जल-भराव के शिकार हो गए। यह हादसा न केवल उन परिवारों के लिए, बल्कि पूरे छात्र समुदाय के लिए गहरा आघात साबित हुआ है।
आर्थिक सहायता का ऐलान
विकास दिव्यकीर्ति ने इन चारों परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी राशि इन परिवारों के दर्द को पूरी तरह से मिटा नहीं सकती, फिर भी दृष्टि IAS ने चारों परिवारों को ₹10-10 लाख की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है। यह सहायता उन परिवारों के लिए कुछ हद तक राहत का कारण बन सकती है, जिनके बच्चे असमय काल का ग्रास बने।
छात्रों के लिए फ्री क्लासेस
दूसरा महत्वपूर्ण ऐलान कोचिंग संस्थान के अन्य छात्रों के लिए किया गया है। दिव्यकीर्ति ने कहा कि Rau’s IAS के सभी वर्तमान छात्रों को सामान्य अध्ययन, टेस्ट सीरीज़, और वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिए फ्री क्लासेस दी जाएंगी। जो छात्र इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, वे 5 अगस्त 2024 से करोल बाग स्थित ऑफिस में हेल्प डेस्क पर संपर्क कर सकते हैं। यह कदम उन छात्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिनकी तैयारी इस हादसे के कारण प्रभावित हुई है।
सामुदायिक भावना का परिचय
विकास दिव्यकीर्ति का यह कदम एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि वे अपने संस्थान और छात्रों के प्रति कितने संवेदनशील हैं। इस कठिन समय में आर्थिक सहायता और फ्री क्लासेस के जरिए वे उन परिवारों और छात्रों के साथ खड़े हैं, जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया या जिनकी शिक्षा प्रभावित हुई। यह सामुदायिक भावना और उत्तरदायित्व का अद्वितीय उदाहरण है, जो अन्य संस्थानों को भी प्रेरित कर सकता है।
भविष्य की दिशा
इस हादसे के बाद, यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। जल-भराव, करंट लगने जैसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए उचित प्रबंध किए जाने चाहिए। छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए और ऐसे हादसों से बचने के लिए संस्थानों को सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान देना होगा।
विकास दिव्यकीर्ति के ये ऐलान न केवल एक संवेदनशील इंसान होने का प्रमाण हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि वे अपने छात्रों और उनके परिवारों के प्रति कितने जिम्मेदार हैं। इन कदमों से उन परिवारों को कुछ राहत मिलेगी जो इस कठिन समय से गुजर रहे हैं। साथ ही, यह उन छात्रों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है कि उनके शिक्षकों और संस्थानों का पूरा समर्थन उनके साथ है। यह उम्मीद की जाती है कि अन्य संस्थान भी इस तरह के सामुदायिक समर्थन और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देंगे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।