केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है। इस भीषण प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 167 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस विपदा ने देश और दुनिया को हिला दिया है। विभिन्न देशों के नेताओं ने अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति दुख जताया है।
व्लादिमीर पुतिन का शोक संदेश
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वायनाड में भूस्खलन की दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शोक संदेश भेजा है। उन्होंने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “भारत और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं। इस कठिन समय में हम भारत के साथ हैं और पीड़ित लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
रूस के राष्ट्रपति की इस संवेदना के बाद भारत में रूसी दूतावास ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर बताया कि पुतिन ने इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया है और भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएँ भेजी हैं। इस कठिन समय में रूस का समर्थन और संवेदनाएँ भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चीन और मालदीव की संवेदनाएँ

वायनाड भूस्खलन को लेकर चीन और मालदीव ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसे “अकल्पनीय त्रासदी” कहते हुए दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “इस भूस्खलन के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर मैं गहरा शोक व्यक्त करता हूँ। यह एक बहुत ही दुखद घटना है और हमारी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।”
चीन की ओर से भी वायनाड भूस्खलन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया है। चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारत सरकार और केरल के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान के दूतावास ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है। नई दिल्ली में ईरानी दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, “हम भारत सरकार और केरल के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जो वायनाड भूस्खलन में पीड़ित हुए हैं। हमारी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस दुखद आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया है।”
सेना का राहत कार्य
वायनाड में भूस्खलन के बाद सेना की तरफ से राहत और बचाव का कार्य तेजी से जारी है। सेना के जवान और अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि जितना संभव हो सके, उतना नुकसान कम किया जा सके। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुँचाई जा रही है और घायल लोगों का इलाज किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन
इस त्रासदी पर अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और संवेदनाएँ दिखाती हैं कि दुनिया के विभिन्न देशों के नेता और लोग भारत के साथ खड़े हैं। रूस, चीन, मालदीव, और ईरान की संवेदनाएँ इस कठिन समय में भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं और यह समर्थन न केवल मानसिक रूप से बल्कि भौतिक रूप से भी राहत कार्यों में मदद कर सकता है।

वायनाड में हुए भूस्खलन ने कई लोगों की जान ले ली है और कई परिवारों को गहरे शोक में डूबा दिया है। इस त्रासदी पर रूस, चीन, मालदीव, और ईरान की संवेदनाएँ और समर्थन दिखाते हैं कि दुनिया के विभिन्न देश इस मुश्किल समय में भारत के साथ खड़े हैं। यह समय है कि हम सभी मिलकर इस आपदा से उबरने की कोशिश करें और प्रभावित लोगों को जितनी जल्दी हो सके, राहत पहुँचाएँ। इस प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय समर्थन से भारत को न केवल मानसिक बल्कि भौतिक रूप से भी राहत मिलेगी और हम इस त्रासदी से उबरने में सक्षम होंगे।