चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) में अब भ्रष्टाचार की दीमक दिखने लगी है। पहली बार बीआरआई देश के भ्रष्टाचार रोधी निकाय की जांच के दायरे में आएगा। चीन ने अरबों डॉलर का निवेश किया है, और इसमें भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ ही पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे छोटे और मध्यम देशों में प्रोजेक्ट्स के लोन ट्रैप में तब्दील होने के आरोप लगे हैं। हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार बीआरआई में भ्रष्टाचार से लड़ना, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) की 2024 की वर्क रिपोर्ट की प्राथमिकताओं में से एक होगा।

शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि सीसीडीआई रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के आधार को खत्म करने, व्यवस्था सुधारों को और फैलाने के अलावा निरीक्षण आयोगों और पर्यवेक्षण एजेंसियों के संगठनात्मक विकास को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसीडीआई प्रमुख ली शी की तरफ से दो महीने पहले पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि संगठन इस साल घरेलू और विदेशी, दोनों स्तरों पर कार्रवाई में कॉर्डिनेट करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार रोधी अभियान ग्रामीण पुनरुद्धार में खराब प्रथाओं और भ्रष्टाचार को टारगेट करने वाले अभियान को फैलाएगा और बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में पारदर्शिता लाने की कोशिश करेगा।
चीन बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव प्रोजेक्ट को न्यू सिल्क रोड भी कहता है। चीन बुनियादी ढांचे बनाकर यूरोप और ईस्ट एशिया को जोड़ना चाहता है। इस प्रोजेक्ट में सड़क के अलावा समुद्री मार्ग भी शामिल है। सड़क के रास्ते चीन को दक्षिण पूर्व एशया, दक्षिण एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से कनेक्ट करता है। जबकि तटीय इलाकों को दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, दक्षिण प्रशांत, पूर्वी अफ्रीका और यूरोप से जोड़ेगा। अगर साल 2018 में गार्जियन में छपी रिपोर्ट की माने तो इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 1 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा है।