लखनऊ: यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा के खिलाफ दायर याचिका को यमन के कोर्ट ने खारिज कर दिया है। निमिषा करीब 12 साल पहले यमन आई थीं और साल 2017 से वह जेल में बंद थीं। इस मामले में हो रही मुश्किलें और उसकी मौत की सजा को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है।
निमिषा का मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं, और उन्होंने करीब 12 साल पहले यमन में नौकरी करने के लिए आवेदन किया था। वह यमन में एक हॉस्पिटल में काम कर रही थीं।
निमिषा और एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के बीच विवाद हुआ था, जिसका परिणामस्वरूप तलाल ने निमिषा के पासपोर्ट को छीन लिया। निमिषा ने इसके खिलाफ शिकायत की, लेकिन अथॉरिटी ने इसे पति-पत्नी के बीच मामला बताया।
दरम्यान, निमिषा ने कथित तौर पर तलाल को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन देकर हत्या कर दी, क्योंकि उसके पासपोर्ट को वापस लेने की इच्छा थी। इसके बाद निमिषा को गिरफ्तार किया गया और उसे मौत की सजा सुनाई गई। उसकी मां ने हाई कोर्ट से यमन जाने की इजाजत के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसकी याचिका खारिज कर दी गई है।
यह था यमन में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मौत की सजा के खिलाफ दायर याचिका का संक्षेप। मामले में हो रही मुश्किलें और उसकी मौत की सजा को लेकर दायर याचिका को खारिज किया गया है।