निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 2024 के अंतरिम बजट में आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, और सहायिकाओं के लिए वित्तीय वादे के बावजूद, हजारों आंगनबाड़ी कर्मियों के घरों में बजट में ही बिगड़ों का सामना करना पड़ रहा है।
अनुसूचित जातियों, महिलाओं, युवाओं, और किसानों को सरकार की प्राथमिकता मानते हुए, उन्होंने घोषणा की कि ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाई जाएंगी, जिसमें सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, और सहायिकाओं को शामिल किया जाएगा। लेकिन वास्तविकता में, स्वास्थ्य कर्मियों की स्थिति उनके वादों से बहुत अलग है। मध्य प्रदेश में रिपोर्ट्स के अनुसार, वहां के कई आंगनबाड़ी कर्मियों को पिछले 3 महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है।
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न्यूडील्ही टीवी (NDTV) के इजहार हसन खान की रिपोर्ट में बताया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सरकार से निरंतर अपनी सैलरी की मांग कर रही हैं, लेकिन कई बार ज्ञापन देने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, कर्मियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया है और अपने हक की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों में से एक महिला ने कहा, “तीन महीने से हमें सैलरी नहीं मिली है। घर में बहुत दिक़्क़त आ रही है, हमारे पति की तबीयत ख़राब है, हमारी भी तबीयत ख़राब है, और बच्चों की स्कूल की फीस भरनी है। बिजली का बिल जमा करना है। इससे अच्छा तो मज़दूरी है। सुबह जाकर शाम को काम कर लाते हैं और बच्चों को खाना खिला देते हैं।”
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अनुमानित 97,000 आंगनबाड़ी केंद्रों और 1.35 लाख कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ मध्य प्रदेश में यह समस्या उभरी है। यहां कार्यकर्ता को महीने के 13,000 रुपये और सहायिका को 6,500 रुपये मिलते हैं।
1 फरवरी को भोपाल में हुए प्रदर्शन में कर्मियों ने ज़िलाधिकारी के दफ़्तर के सामने प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने सरकार से ‘लाडली बहना’ को देने के लिए बजट मांगा, मगर आंगनबाड़ी को देने के लिए बजट नहीं है कहा।
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रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजरों ने भी यही शिकायत की है कि उन्हें तनख्वाह वक्त पर नहीं मिल रही है। प्रदेश अध्यक्ष परियोजना अधिकारी संघ एवं संयोजक संयुक्त मोर्चा संघ इंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि क़रीब 300 परियोजना अधिकारी और 3000 सुपरवाइज़रों को भी 2 महीने से वेतन नहीं मिला है।
सरकार ने स्थिति को जानकर कहा है कि उन्हें इस समस्या के बारे में पता है और इसपर कार्रवाई होगी, लेकिन उन्होंने दावा किया है कि जल्दी ही समाधान होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने भी आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द वेतन दिया जाएगा।”