बिहार में शराबबंदी कानून की हँसी उड़ाते हुए एक नया मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर रहमानगीर पप्पू यादव को सरकार के दावों पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है। दरभंगा के मेडिकल कालेज में हुए एक सम्मेलन में डॉक्टरों ने शराब पार्टी का आयोजन किया और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पप्पू यादव ने इस घटना पर चुप्पी तोड़ते हुए सरकार को सवालित किया और पूछा, “आखिर कब तक यह चलेगा?”
वीडियो में दिखाई गई घटना में दरभंगा के मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल में एक सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें कई डॉक्टर पार्टिसिपेट कर रहे थे। एक कमरे में डॉक्टर्स ने शराब की पार्टी का आयोजन किया और इसका वीडियो बनाया गया, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
पप्पू यादव ने इस घटना पर अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट करके सरकार को निशाना बनाया और पूछा, “बिहार में गरीबों के शराबबंदी का अलग कानून है और DMCH के प्रिंसिपल और डॉक्टरों के लिए अलग कानून है क्या?” इसके बाद कई डॉक्टर्स ने शराब पीते हुए दिखाई दिए जो वीडियो में आ सकते हैं।
शराब पार्टी का आयोजन डॉक्टर्स के सम्मेलन के दौरान किया गया था, जिसमें डॉक्टर्स ने विदेशी शराब का आनंद लिया। वीडियो में दिखाई गई इस घटना के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी आलोचना व्यक्त की और इस पर कार्रवाई की मांग की।
इस घटना के संदर्भ में दरभंगा मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “यहां पर शराब पार्टी नहीं हुई है।” हालांकि, वीडियो के साथ ताजगी से जोड़े गए डॉक्टरों की तस्वीरों ने इस नकारात्मक घटना को उजागर कर दिया है।
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दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक ने वीडियो को संज्ञान में लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह घटना दिखाती है कि कई बार राजनीतिक या सामाजिक उद्देश्यों के लिए शराबबंदी कानून का उपयोग खुद अधिकारियों द्वारा भी नकारात्मक तरीके से किया जा सकता है, जिससे सुरक्षा परिस्थितियों में कमी आ सकती है और वायरल होने वाली तस्वीरों या वीडियों के कारण दुर्घटनाएं हो सकती हैं।