दिल्ली हाईकोर्ट में हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर विवाद उठा है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन पर पेश होने का निर्देश दिया गया है। इस मुद्दे पर केजरीवाल की पैरवी करते हुए उनके वकीलों ने कहा है कि वे वर्चुअल तैयार हैं समन के सामने पेश होने के लिए, लेकिन उन्हें कुछ प्रोटेक्शन की आवश्यकता है। इसके साथ ही वे यह भी कह रहे हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के द्वारा जारी किए गए सभी समनों का उन्होंने जवाब दे दिया है।
इस मामले में, सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी पार्टी ने उन्हें समन के सामने पेश होने के लिए तैयारी की है, लेकिन उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर ED के प्रति भी उनकी दलीलों को समझने का आग्रह किया गया है।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/03/image_2024_03_20T10_24_29_040Z-1024x576.png)
उसने यह भी जताया कि पीएमएलए एक्ट में राजनीतिक पार्टियों को परिभाषित नहीं किया गया है, और इसलिए उन्हें ऐसे कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से ED के खिलाफ नोटिस जारी करने की मांग की है और यह भी कहा है कि इस मामले में जवाब देने के लिए ED से विशेष तौर पर सवाल पूछे जाएं।
सिंघवी ने यह भी कहा कि कोर्ट को ईडी से समन को लेकर स्पष्टता बनाने की जरूरत है, कि उनकी दलीलों और विरोध के आधार पर ईडी का क्या रुख है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राजनीतिक पार्टियां PMLA एक्ट के दायरे में आती हैं या नहीं।
![](https://sabsetejkhabar.com/wp-content/uploads/2024/03/image_2024_03_20T10_24_54_963Z.png)
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है और उनसे इस मामले में जवाब मांगा है। इसके बाद कोर्ट ने 22 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई का आयोजन किया है।
वास्तव में, यह मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ED के द्वारा किए गए आरोपों के संबंध में है। उन्हें समन पर पेश होने का निर्देश दिया गया है, लेकिन वे अभी तक समन के सामने पेश नहीं हुए हैं। उनके वकीलों ने कहा है कि वे समन के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं