दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस बैठक में संजय झा को पार्टी का नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पार्टी के सभी शीर्ष नेता मौजूद थे। इस निर्णय के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने संजय झा को बधाई दी और उनसे नई उम्मीदें जताईं।
बैठक के प्रमुख बिंदु
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जदयू की इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। दिल्ली के कॉस्टिट्यूशनल क्लब में आयोजित इस बैठक में संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पेश किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इसके साथ ही, बैठक में पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
संजय झा की पृष्ठभूमि
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संजय झा का जन्म बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर इलाके के अरड़िया गांव में हुआ था। वे ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते हैं और मिथिलांचल में जदयू के बड़े नेता माने जाते हैं। संजय झा पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में थे और बाद में जदयू में शामिल हुए। वे राज्यसभा सांसद और पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं। संजय झा ने 2014 में दरभंगा से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वे एमएलसी बने और 2014 से 2024 तक बिहार सरकार में मंत्री रहे।
भाजपा से संबंध
संजय झा के भाजपा से अच्छे संबंध हैं, जो जदयू के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है। पार्टी की कोशिश है कि संजय झा के जरिए भाजपा से विधानसभा चुनाव में बेहतर शर्तों के साथ समझौता किया जाए। संगठन के साथ ही भाजपा के साथ गठबंधन की जिम्मेदारी भी संजय झा को सौंपी गई है। संजय झा से पहले जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव, नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, और ललन सिंह जदयू अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जदयू की इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जदयू की बैठक में झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने, आरक्षण की सीमा बढ़ाने, बिहार को विशेष पैकेज देने या विशेष राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही नीट पेपर लीक मामले में हुई अनियमितता की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की गई।
नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा
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सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं और वे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सहयोगी पार्टी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जदयू इस बार भाजपा से बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर सकती है। इस संदर्भ में पार्टी के सांसद भी दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
संजय झा की नियुक्ति का महत्व
संजय झा की नियुक्ति जदयू के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पार्टी को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान कर सकता है। उनके अनुभव और संबंधों का फायदा पार्टी को आगामी चुनावों में मिल सकता है। पार्टी कार्यकर्ता और नेता उनसे नई उम्मीदें लगाए बैठे हैं और उनकी नियुक्ति को एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय झा को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो पार्टी की रणनीति और आगामी चुनावों में उसकी सफलता को प्रभावित कर सकता है। संजय झा के नेतृत्व में पार्टी को नई दिशा और ऊर्जा मिल सकती है। अब यह देखना होगा कि वे अपने नए पद पर किस तरह से पार्टी को मजबूत करते हैं और आगामी चुनावों में क्या रणनीति अपनाते हैं।