चीन की अर्थव्यवस्था इन दिनों काफी डगमगाई हुई नजर आ रही है। दरअसल, हाल ही में चीन के शीर्ष नेताओं ने 24-सदस्यीय पोलित ब्यूरो की मीटिंग आयोजित की थी। ये मीटिंग सोमवार को आयोजित हुई थी। इसमें चीन के सर्वोच्च पदस्थ अधिकारियों ने दावा किया है कि चीन की अर्थव्यवस्था इन दिनों ‘नई कठिनाइयों और चुनौतियों” का सामना कर रही है।
सुस्त हो रही चीनी अर्थव्यवस्था
कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी के बाद से ही चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखने को मिल रही है। जानकारी के मुताबिक, चीन के खुदरा बिक्री और निर्यात में भारी गिरावट आई है। मई में चीन के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.5 फीसदी से बढ़कर जून में 4.4 फीसदी हो गई। लेकिन मांग धीमी की धीमी ही बनी रही। इसके अलावा इस साल जून महीने में चीन का निर्यात पिछले तीन साल में अब तक सबसे कम आँका गया है।
जुलाई के अंत में होती है आर्थिक स्थिति की समीक्षा
दरअसल, चीन में अपने पारंपरिक ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले हर साल अधिकारी जुलाई के अंत में आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित करते हैं। इसमें ये बात सामने आई है। इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था सुस्त पढ़ने की एक और वजह उपभोक्ता खर्च भी बताया जा रहा है।
IPO आवेदन में गिरावट
इसके अलावा साल 2023 में चीन में पहली छमाही में IPO आवेदन में भी करीब एक तिहाई की गिरावट दर्ज की गई है। चीनी नागरिकों की छुट्टियों का भी खर्च कम रिकॉर्ड किया गया है। वहां त्यौहार का सीजन है, बावजूद इसके कार की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। साथ ही आवासीय अचल संपत्ति की बिक्री में भी गिरावट हुई है।