दो साल पहले, दिल्ली सरकार ने कनाट प्लेस में स्मॉग टॉवर स्थापित किया था जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। यह टॉवर प्रदूषण के खिलाफ एक प्रयास के रूप में देखा गया था, लेकिन अब इस साल इसे बंद कर दिया गया है।
नई दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बहुत ही खराब है, और सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद, सरकारें प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए कई उपाय कर रही हैं, लेकिन सच्चाई सामने है। प्रदूषण के कारण आंखों में लाली हो रही है और सांस लेने में मुश्किल हो रही है। सड़कों पर एंटी-स्मॉग गन्ने लगाए गए हैं, लेकिन इससे भी प्रदूषण को नियंत्रित करने में कमी है।
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए कई इंतजाम किए हैं, जिनमें से एक इंतजाम साल 2021 में किया गया था। इसमें लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च करके कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर स्थापित किया गया था। इस टॉवर को प्रदूषण से लड़ने का एक बड़ा हथियार माना गया था, लेकिन इस साल में इसे बंद कर दिया गया है और टॉवर के बाहर एक ताला लगा हुआ है। इस पर, बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला है, कहते हुए कि दिल्ली गैस चैम्बर बन चुकी है और पिछले 8-9 सालों से प्रदूषण के खिलाफ लड़ने पर ताला लगा गया है।
उनके अनुसार, सरकार पहले कहती थी कि पंजाब में पराली जलने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है, लेकिन अब वहां भी सरकार है और वहां पराली जलने की घटनाएं बढ़ रही हैं। उसके उत्तर में, राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, दो स्मॉग टॉवर्स कनॉट प्लेस और आनंद विहार में स्थापित किए गए थे।
उनके अनुसार, आनंद विहार में स्मॉग टॉवर की जिम्मेदारी केंद्र सरकार-सीपीसीबी को दी गई थी और सीपी में स्मॉग टॉवर की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार को दी गई थी। सीपी में स्मॉग टावर 2021 में चालू था, लेकिन अब यह काम करना बंद कर दिया है और ताला लगा हुआ है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बढ़ती स्थिति के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने GRAP-3 को लागू करने का आदेश जारी किया है, जिससे कई कामों पर रोक लगेगी।