झारखंड सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। इसके तहत राज्य की 45 लाख महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके साथ ही, राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को 200 युनिट मुफ्त बिजली भी दी जाएगी। राज्य मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे झारखंड की महिलाओं को काफी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री बहन बेटी स्व-सहायता प्रोत्साहन योजना
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यह योजना ‘मुख्यमंत्री बहन बेटी स्व-सहायता प्रोत्साहन योजना’ के तहत चलाई जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। मंत्रिमंडल सचिव वंदना दादेल ने बताया कि यह योजना 21 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए है।
योजना के लाभार्थी
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इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो आयकरदाता नहीं हैं, सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, और ईपीएफ धारक नहीं हैं। इसके अलावा, अन्य कुछ श्रेणियों की महिलाएं भी इस योजना के दायरे में नहीं आएंगी। इस योजना के अंतर्गत प्रति महिला को हर महीने 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
सरकारी खर्च
राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 5,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण
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इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि जल्द ही आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 200 युनिट मुफ्त बिजली
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राज्य मंत्रिमंडल ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त बिजली की पात्रता को भी बढ़ा दिया है। अब घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 200 युनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। इससे पहले यह सीमा 125 युनिट थी। इस निर्णय से राज्य के लगभग 41.4 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
मुफ्त बिजली योजना का सरकारी खर्च
मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य सरकार को प्रति माह लगभग 21.7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना होगा।
वृद्धावस्था पेंशन योजना का विस्तार
इससे पहले झारखंड मंत्रिमंडल ने जनवरी में 50 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं, आदिवासियों और दलितों को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी। इसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
झारखंड की महिलाओं के लिए यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?
झारखंड की महिलाएं लंबे समय से आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। इस प्रकार की योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगी और उन्हें अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करने का मौका देंगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य
महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता से वे अपनी शिक्षा को पूरा कर सकती हैं और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकती हैं। इससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
सामाजिक सशक्तिकरण
इस योजना से महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण में भी वृद्धि होगी। जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो वे अपने परिवार और समाज में भी बेहतर योगदान दे सकेंगी।
रोजगार के अवसर
इस योजना से महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए छोटे व्यवसाय शुरू कर सकती हैं या नए कौशल सीख सकती हैं।
झारखंड सरकार की यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य की महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ ही, मुफ्त बिजली योजना से राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। यह योजना झारखंड की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में मदद करेगी।