पाकिस्तान में बलूच बच्चों के अपहरण के मामले में एक बड़ा मोड़ आया है, जिसने इस्लामाबाद हाईकोर्ट को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का तलब करने पर आमंत्रित किया है। इस मामले में पुलिस द्वारा बरामद नहीं किए गए बच्चों के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा स्थान लिया है और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे का संज्ञान लेने के लिए तलब किया है।
इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर को तलब किया है। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री को यह निर्देश भी दिए हैं कि अगर वे लापता 50 बलूच बच्चों की बरामदगी को सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं तो उन्हें 29 नवंबर को अदालत में पेश होना पड़ेगा।
पाकिस्तान की इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मोहसिन अख्तर कयानी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किए हैं। इस निर्देश के तहत, यहां जांच आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन का भी आदान-प्रदान किया जा रहा है। इस आयोग की स्थापना 2011 में लापता व्यक्तियों का पता लगाने और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठनों पर जिम्मेदारी तय करने के लिए की गई थी।
पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी पहले सितंबर में एक ऐसे ही मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेश हो चुके हैं, जहां उन्होंने लापता व्यक्तियों की बरामदगी को सुनिश्चित करने के लिए अदालत के आदेश पर पेशी लगाई थी। सुनवाई के दौरान उन्होंने अदालत से वादा किया कि वह हर संभव प्रयास करेंगे लापता व्यक्तियों की बरामदगी के लिए।
इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को तलब किया जा रहा है, जिससे लोग आशा कर रहे हैं कि इस मुद्दे का निष्कर्ष जल्दी हो सके और लापता बच्चों की परिस्थिति में सुधार हो सके। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री को आदेश दिए गए हैं कि वे इस मामले में शीघ्र संरचनात्मक उपायों को बढ़ावा दें और लापता बच्चों की बरामदगी के लिए संपूर्ण प्रयास करें।