अखिलेश यादव ने अपने पार्टी के घोषणापत्र के माध्यम से एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने अपने विरोधी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी पुनः शासन में आती है, तो उत्तर प्रदेश में पुलिस और पीएसी की नौकरी को तीन साल तक नहीं मिलने की संभावना है। यह बयान उनकी नजरिया को दर्शाता है कि वे किस प्रकार से बीजेपी को चुनावी प्रक्रिया में असफल बनाने के लिए राजनीतिक तरीके अपना रहे हैं।
अखिलेश यादव ने अपने घोषणापत्र में ‘अग्निवीर योजना’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो सरकार आई है, अगर उसकी फिर से आई, तो वह पुलिस और पीएसी की नौकरियों को तीन साल तक नहीं दिलाएगी। उन्होंने अपने दावे को समर्थित करते हुए यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में युवाओं को पुलिस और पीएसी की नौकरी के लिए बड़ी उम्मीद है, और अगर बीजेपी फिर से सत्ता में आई तो ये उम्मीदें भंग हो सकती हैं।

अखिलेश यादव ने अग्निवीर योजना की चर्चा करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार बनने पर यह योजना समाप्त की जाएगी और सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती फिर से शुरू की जाएगी। यह उनका दावा है कि यह सरकार जानबूझकर अग्निवीर योजना को लाई गई है।
अखिलेश यादव ने अपने घोषणापत्र में और भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की बात की और जातिवार जनगणना का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार जाति वार जनगणना कराएगी और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देगी।

अखिलेश यादव के द्वारा किए गए इन बयानों का राजनीतिक महत्व है। यह उनकी पार्टी के चुनावी अभियान को नई ऊर्जा और दिशा देने की कोशिश है। इन बयानों से साफ होता है कि वे अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में मजबूत बनाने के लिए तैयार हैं और बीजेपी के खिलाफ कड़ी विपक्षी राजनीति अपना रहे हैं। इन बयानों के बाद अब देखना है कि आगे कैसा प्रतिक्रिया आता है और चुनावी मैदान में कैसे असर डालते हैं।