प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उठे सेक्स स्कैंडल के मामले में नए रुख के साथ ही एक और मोड़ आया है, जिसमें महिला ने अपनाया है कि उसे झूठा केस दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया था। इस मामले में महिला ने कर्नाटक पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है, जो उसे रेवन्ना के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के लिए दबाव डाला गया था। इसके साथ ही, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले की जांच के लिए कदम उठाया है।
महिला ने अपने दावे में यह कहा है कि उसे तीन लोगों ने धमकी देते हुए रेवन्ना के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था। यह आरोप बहुत ही गंभीर है और इससे सामाजिक और न्यायिक परिस्थितियों में बड़ा उलझने का संभावना है। रेवन्ना के खिलाफ उठी इस शिकायत ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले की जांच के लिए कदम उठाया है और महिला के दावों की समीक्षा करने का वादा किया है। इससे साफ है कि महिला के दावे को गंभीरता से लिया जा रहा है और उसकी सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
कर्नाटक पुलिस पर लगाए गए आरोपों के संबंध में, एनसीडब्ल्यू द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि एक महिला ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए आयोग से संपर्क किया। उसने बताया कि तीनों लोग सादे कपड़े में थे और कर्नाटक पुलिस के रूप में पेश कर रहे थे। इन तीनों लोगों ने उसे रेवन्ना के खिलाफ झूठा केस दर्ज करने के लिए मजबूर किया। यहां तक कि उसे धमकी भी दी गई थी। इससे साफ है कि महिला के दावे को गंभीरता से लिया जा रहा है और उसके सुरक्षा की दिशा में कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
इस मामले में रेवन्ना और कर्नाटक पुलिस के खिलाफ उठी आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस जांच द्वारा सच्चाई की खोज की जा रही है और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में, एसआईटी का कहना है कि वे महिला से संपर्क नहीं किया गया है, जिसने एनसीडब्ल्यू को शिकायत की है। यह जांच प्रक्रिया के दौरान सच्चाई को प्राथमिकता देने का वादा करती है और मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रज्वल रेवन्ना पर उठे इस मामले में सामाजिक, राजनीतिक और न्यायिक परिस्थितियों में बड़ी हलचल हो रही है। इस मामले में उठे गंभीर आरोपों ने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को भी सकारात्मक और गंभीर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। इस संदर्भ में, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का बयान भी आम जनता को संज्ञान में आया है, जिन्होंने एसआईटी को झूठे बयान लेने के लिए पीड़ितों को धमकी देने का आरोप लगाया है।
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उठे सेक्स स्कैंडल के मामले में समाज में उचित और गंभीरता से जांच की मांग की जा रही है। इस मामले की न्यायिक और समाजिक सच्चाई की खोज में अदालत और अन्य संबंधित अधिकारिक निकायों को अपना दायित्व निभाना चाहिए ताकि सच्चाई की जीत हो सके और दोषी को सजा मिल सके।