दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में एक भयानक दुर्घटना में एक बस पुल से नीचे 165 फीट गहरे गड्डे में गिर गई, जिसके परिणामस्वरूप 45 लोगों की मौत हो गई। यह दुर्घटना जोहान्सबर्ग से लगभग 300 किमी उत्तर में मोकोपेन और मार्केन के बीच मम्मटलाकला पर्वत दर्रे पर हुई। इस दुर्घटना में सिर्फ एक आठ साल की बच्ची जीवित बच गई है, जो कि गंभीर चोटों से प्रभावित हैं और अस्पताल में इलाज के लिए ले जाई गई हैं।
बस ने नियंत्रण खो दिया और पुल से नीचे गिरते ही उसमें आग लग गई, जिससे हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत हो गई। यह बस बोत्सवाना देश के ईस्टर तीर्थयात्रियों को लेकर दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी लिम्पोपो प्रांत के एक शहर मोरिया ले जा रही थी।
दुर्घटना के पश्चात स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने तत्काल कार्रवाई की और मौके पर अवशेषों को संग्रहित किया। इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जा रही है और हादसे के कारणों की पूरी जांच के लिए शुरूआती जांच हुई है।
परिवहन मंत्री सिंदिसिवे चिकुंगा ने इस दुर्घटना के पश्चात दुखद बयान जारी किया और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार शवों को वापस भेजने में मदद करेगी और दुर्घटना के कारणों की जांच कराएगी।
इस दुर्घटना के पश्चात राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भी नागरिकों से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा का पालन करें और ईस्टर को सुरक्षित बनाएं। उन्होंने कहा कि यह एक समय नहीं होना चाहिए जब हम अपनी सड़कों पर त्रासदी या चोटों के आंकड़े देखने के लिए आराम से बैठे रहें।
इस भयानक घटना ने दक्षिण अफ्रीका की सार्वजनिक स्थिति को चौंका दिया है और सड़क सुरक्षा के मामले में देश के रिकॉर्ड को एक बार फिर से सोचने पर मजबूर किया है। इस हादसे को एक सख्त सीख के रूप में लेना चाहिए और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी संभावनाओं का उपयोग किया जाना चाहिए।