बेगूसराय लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में बीजेपी और सीपीआई के बीच एक रोमांचक मुकाबला देखने की उम्मीद है। इस सीट पर बीजेपी का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह कर रहे हैं, जबकि सीपीआई ने अवधेश कुमार राय को उम्मीदवार घोषित किया है। बेगूसराय लोकसभा सीट बिहार की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है, जिसका जातीय समीकरण बहुत स्पष्ट है।
इस बार के चुनावों में बेगूसराय सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह के खिलाफ सीपीआई के अवधेश कुमार राय को खिलाड़ी घोषित किया गया है। गिरिराज सिंह ने पिछले चुनावों में भी इस सीट पर विजय प्राप्त की थी और इस बार भी वह जीत की हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं। वह पीएम मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं और हिंदूत्व के झंडे को बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं।
विपक्ष में सीपीआई के उम्मीदवार अवधेश कुमार राय भी बेगूसराय सीट पर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अवधेश कुमार राय को बिहार में सीपीआई का बड़ा चेहरा माना जाता है और वह सीपीआई के तरफ से बेगूसराय में उम्मीदवार बनाए गए हैं। इस बार के चुनावों में सीपीआई और कांग्रेस का महागठबंधन है और इसके तहत अवधेश कुमार राय को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
बेगूसराय लोकसभा सीट का जातीय समीकरण बहुत स्पष्ट है और यहां पर अधिकांश मतदाताओं का जातिवादी धारणा है। यहां पर भूमिहार, मुस्लिम, यादव, कुर्मी-कुशवाहा, दलित और अन्य जातियों के मतदाता हैं और इसलिए यह सीट राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
बिहार में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है और बेगूसराय सीट पर भाजपा और सीपीआई के बीच एक रोमांचक मुकाबला देखने की उम्मीद है। इस सीट पर जातिवाद, विकास और राजनीतिक मुद्दों के आधार पर वोटर्स की राय बनेगी और यहां पर हार-जीत का मामला बहुत महत्वपूर्ण होगा।
गिरिराज सिंह के प्रति जनमत का अनुमान बीजेपी के पक्ष में है, जबकि अवधेश कुमार राय के प्रति जनमत का अनुमान सीपीआई के पक्ष में है। इस सीट पर भाजपा की हार के मामले में सीपीआई और कांग्रेस का महागठबंधन बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें दोनों दलों के उम्मीदवार को मिलकर भाजपा के खिलाफ एक मजबूत चुनौती देने की उम्मीद है।
बेगूसराय सीट पर होने वाले चुनाव में जनता के विचारों और राजनीतिक प्रतिष्ठान के आधार पर ही नतीजा निकलेगा और इस सीट पर एक रोमांचक चुनाव की उम्मीद है। वोटर्स का फैसला चुनाव के दिन होगा और इससे पहले उम्मीदवारों ने अपनी कसरती कसरत की है और वोटर्स को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। यहां पर जनता का फैसला होगा कि किसे वह अपना विश्वास देती है और किसे वह लोकसभा के सदस्य के रूप में चुनती है।