पवन सिंह, भोजपुरी फिल्म उद्योग के एक प्रमुख स्टार हैं और उनकी लोकप्रियता और फैन फॉलोइंग उन्हें राजनीति में भाजपा के दरवाजे खोलने का मौका देती है। हाल ही में, उन्हें बिहार के आसनसोल से भाजपा के लिए चुनावी टिकट की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे मना कर दिया। इसके बाद, उन्होंने बिहार की काराकाट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिससे भाजपा को कुछ चिंता है कि वे उनके विरुद्ध हो सकते हैं।
पवन सिंह का नाम भोजपुरी सिनेमा के शूरवीरों में से एक है, जिन्होंने अपनी अदाकारी और गायकी से लोगों का दिल जीता है। उनकी लोकप्रियता का असर यह होता है कि उन्हें भाजपा जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टियों का ध्यान आकर्षित करता है। अत: बिहार के आसनसोल से उन्हें भाजपा का चुनावी टिकट प्रस्तावित किया गया, लेकिन उन्होंने इसे मना कर दिया।

अब, पवन सिंह ने भाजपा के लिए बिहार की काराकाट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह फैसला भाजपा को चिंतित कर रहा है, क्योंकि अगर पवन सिंह चुनाव लड़ते हैं तो उनकी प्रतिष्ठा और लोकप्रियता का असर हो सकता है।
भाजपा के केंद्रीय मंत्री और आरा से उम्मीदवार आरके सिंह ने स्पष्ट रूप से उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा-एनडीए के प्रत्याशी के रूप में घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि अगर पवन सिंह इस निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। इससे भाजपा के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि पवन सिंह की प्रतिष्ठा और लोकप्रियता बहुत है।

यहां एक राजनीतिक दिलचस्पी बात है कि पवन सिंह ने पिछले कुछ समय से भाजपा में एक्टिव रूप से शामिल होने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इससे उन्होंने काराकाट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
भाजपा के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि अगर पवन सिंह चुनाव लड़ते हैं तो वे भाजपा के लिए न केवल काराकाट सीट पर बल्कि अरा लोकसभा सीट पर भी एक प्रमुख प्रतिस्थान बन सकते हैं। इससे भाजपा के लिए चुनावी युद्ध में एक और मुश्किल दौर शुरू हो सकता है।

इसके अलावा, पवन सिंह ने कुछ वीडियो में पीएम मोदी की तारीफ की है, जिससे भाजपा की प्रतिस्था और लोकप्रियता में भी एक बढ़ावा हो सकता है। लोग उनके रोडशो में उमड़ रहे हैं और उनसे मिलने के लिए बेकरार हैं। भाजपा अब एक बड़ा फैसला लेने की आवश्यकता महसूस कर रही है, क्योंकि पवन सिंह के चुनावी फैसले का उनके लिए बड़ा महत्व हो सकता है।