मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू की कदम से उनके देश को भारत की ओर से पानी नहीं मिल पा रहा है यह एक बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। मालदीव के 28 लाख लोग अब पेयजल के संकट का सामना कर रहे हैं और यह एक अत्यंत चिंताजनक परिस्थिति है। भारत और मालदीव के बीच यह संकट भारत के साथ मालदीव की दुश्मनी की वजह से हो रहा है।
मालदीव का जल संकट बहुत ही गंभीर है और उसके लोग इससे बहुत परेशान हैं। भारत और मालदीव के बीच दोस्ती का इतिहास लंबा है, और भारत हमेशा मालदीव की मदद के लिए तत्पर रहा है। लेकिन अब मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू ने भारत के साथ दुश्मनी कर ली है, जिसका परिणाम यह है कि भारत अब मालदीव की मदद के लिए उसकी तरफ से पानी नहीं भेज रहा है।
मालदीव के लोगों को पानी की बहुत तीव्र जरूरत है, और उन्हें इस संकट से निकलने के लिए पानी की आवश्यकता है। लेकिन मोइज्जू की वजह से भारत ने मालदीव को पानी नहीं भेजा है। मालदीव के लोगों को इस संकट से निकलने के लिए उन्हें अब चीन से पानी भेजना पड़ रहा है।
मोइज्जू ने चीन से 1500 टन पीने के पानी की मांग की है, जिससे मालदीव के लोगों को साफ पानी की उपलब्धता हो सके। यह स्थिति दोनों देशों के बीच दुश्मनी की वजह से हुई है, जिससे मालदीव के लोग बहुत परेशान हैं।
भारत और मालदीव के बीच दुश्मनी का मामला काफी गंभीर है, और यह दोनों देशों के लिए एक खतरा है। मालदीव के लोगों को पानी की बहुत तीव्र जरूरत है, और उन्हें इस संकट से निकलने के लिए दोनों देशों के बीच दोस्ती का मजबूत होना चाहिए।
मालदीव के लोगों को पानी की उपलब्धता के लिए उन्हें इस संकट से निकलने के लिए भारत और मालदीव के बीच दोस्ती का मजबूत होना चाहिए। यह दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि वे इस संकट से निकलने के लिए एक साथ काम करें और एक दूसरे की मदद करें।
अब मालदीव के लोगों को पानी की उपलब्धता के लिए उन्हें इस संकट से निकलने के लिए भारत और मालदीव के बीच दोस्ती का मजबूत होना चाहिए। यह स्थिति दोनों देशों के बीच दुश्मनी की वजह से हुई है, और इससे दोनों देशों के लिए खतरा है। इसलिए दोनों देशों को इस संकट से निकलने के लिए एक साथ काम करना चाहिए।