लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने देशवासियों को सम्पूर्ण रामायण पढ़ने की सलाह दी है। एक धार्मिक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि टीवी और फिल्म वालों ने रामायण को व्यापक बना दिया है, लेकिन असली रामायण संपूर्ण रामायण में निहित है, जिसे सभी को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामायण का हर एक चरित्र लोगों को सीख देता है।
तेज प्रताप ने अपने संबोधन में रामायण को विशेष महत्व देने की बात की और लोगों से इसे समझकर अपने जीवन में अमल करने का कहा। उन्होंने कहा कि रामायण का सारांश यह है कि आपको अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और भलाइयों के प्रति सदभाव बनाए रखना चाहिए। यह बातें आते हैं जब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सहित राजद के कई नेता रामचरित मानस के कई दोहों को लेकर इसका विरोध कर रहे हैं।
चंद्रशेखर ने रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की थी और मानते थे कि इसमें जातिवाद है। तेज प्रताप ने इस विवादित मुद्दे पर भी अपने बयानों के माध्यम से जवाब दिया और लोगों को रामायण की महत्वपूर्णता समझाई। इसके अलावा, तेज प्रताप ने चर्चा के दौरान सारण से लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, लेकिन वह बताए गए कि फिलहाल वह मंत्री हैं और उनकी प्रमुख जिम्मेदारियां उसी क्षेत्र में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जनता की मांग होती है तो वह सारण से चुनाव लड़ेंगे। उनका तर्जुमान ने बताया कि जनता की मांग ही नेता बनाती है और वह इसे समझकर ही फैसला करेंगे।
इस बीच, तेज प्रताप के पिता लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि सारण है, और उन्होंने इसी से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थे। तेज प्रताप का चुनाव लड़ने का संकेत यह सुझाता है कि वह अपने पिता की जड़ों से जुड़ने की योजना बना रहे हैं।