चीन के सरकारी अफसरों के आईफोन पर लगाए गए बैन का पीछा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है, और इसमें कई पहलू हैं:
भारत के एपल मार्केट में वृद्धि: भारत में एपल का प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट तेजी से विकसित हो रहा है, और यहाँ पर एपल की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। चीन के सरकारी अफसरों के आईफोन पर बैन लगाने से, भारत में एपल के स्मार्टफोन की मांग में वृद्धि हो सकती है।
डेटा सुरक्षा: चीन के कदम से स्पष्ट है कि वह अपने अधिकारीगण को विदेशी स्मार्टफोन का उपयोग करने से बचाना चाहता है, ताकि उनके डेटा की सुरक्षा बनी रहे। यह चीन की सुरक्षा और सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
स्वदेशी कंपनियों को प्रोत्साहन: इस बैन से चीन अपनी स्वदेशी स्मार्टफोन कंपनियों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, जिससे उनके बाजार में विदेशी विपणन को कम करने में मदद मिल सकती है।
चीन का जवाब: चीन ने अमेरिका के कुछ बैन पर जवाब दिया है, जैसे कि हुवावै और टिक-टॉक पर लगाए बैन। चीन अपने अधिकारीगण के आईफोन पर बैन लगाकर इसका जवाब दे रहा है।
इसके अलावा, चीन अब एपल के स्मार्टफोन के आधार पर कम निर्भर हो रहा है और अपने स्वदेशी उत्पाद के प्रोसेस में बढ़त दिखा रहा है। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड और ट्रेड वॉर में चिप टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण भूमिका है, और यह दोनों देश आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
एपल का भारत में उत्पादन बढ़ने का असर हो सकता है, और इससे भारत में उपकरण निर्माण और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सकती है। यह भी दिखा सकता है कि भारत अपने डिजिटल स्वार्थी क्षेत्र में विकसित हो रहा है और विदेशी कंपनियों को अपनी बाजार में एक चुनौती प्रदान कर रहा है।