जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सेना की सर्च ऑपरेशन में हुई बड़ी कामयाबी ने बड़ी संवेदना उत्पन्न की है। आतंकी समूहों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। यह साहसिक कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सेना की प्रतिबद्धता को दिखाता है और स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाता है कि सुरक्षा बलों का संघर्ष उनकी सुरक्षा के लिए निरंतर है।
आतंकी समूह की हार:
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में हुई सर्च ऑपरेशन में सेना ने आतंकी समूहों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में तीन आतंकी समूह के सदस्यों को ढेर किया गया और इसके साथ ही एक आतंकी का नाम भी आया, जो कि आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा की शाखा TRF का मुखिया था।
सुरक्षा बलों का संघर्ष:
जम्मू-कश्मीर में सेना की सर्च ऑपरेशन में हुई विजय ने सुरक्षा बलों के प्रयासों को साबित किया है। आतंकी समूहों के खिलाफ यह बड़ी जीत है और इससे स्थानीय लोगों को सुरक्षा की भरोसा बढ़ती है।
मुख्य आतंकी का ढेर:
इस सर्च ऑपरेशन में मारे गए मुख्य आतंकी का नाम बसीत डर था, जो कि TRF की शाखा का मुखिया था। उसके ऊपर सेना ने 10 लाख रुपए का इनाम भी रखा था। बसीत 2021 से आतंकवाद के क्षेत्र में गतिविधि में था और उसका नाम अक्सर सुरक्षा बलों और स्थानीय नागरिकों की मौत के मामलों में आता था।
जम्मू-कश्मीर में सेना की इस बड़ी सफलता ने आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता को प्रमाणित किया है। यह विजय भारतीय सेना की साहस, निष्ठा और समर्पण का प्रतीक है। इससे ख़ून के खिलाफ संघर्ष का संदेश दिया जाता है और स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया जाता है कि उनकी सुरक्षा के लिए सेना समर्थ है। इस तरह के कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण होते हैं और भारतीय सुरक्षा बलों के शौर्य को सलामी देना चाहिए।