पतंजलि के योग गुरु रामदेव और बालकृष्ण ने हाल ही में भ्रामक विज्ञापन मामले में फिर से माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद, उन्होंने बिना शर्त माफी की मांग की और न्यूज़ पेपरों में इसे प्रकाशित करवाया। इस मामले का मुख्य केंद्र यह रहा कि पतंजलि ने अपने कुछ उत्पादों के बारे में ऐसे दावे किए थे जिन्हें स्वास्थ्य से जुड़ा होने का दावा किया गया था, लेकिन उनके इस दावे की सच्चाई पर सवाल उठा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि पर कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने के आरोप लगाए थे। इसके बाद कोर्ट ने पतंजलि के विज्ञापनों की वैधता पर सवाल उठाया था। इसके परिणामस्वरूप, योग गुरु रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक (एमडी) बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत माफी मांगी है। उन्होंने बिना शर्त माफी का वादा किया है और यह भी दावा किया है कि ऐसी गलती फिर से नहीं होगी।
न्यूज़ पेपर में प्रकाशित माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, “हम सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देश के तहत कानूनों का पालन करेंगे। हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलतियों के लिए माफी मांगते हैं।” उन्होंने यह भी जताया कि वे 22 नवंबर 2023 को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भी माफी मांग रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने रामदेव और बालकृष्ण के वकील से न्यूज़ पेपर में प्रकाशित माफीनामे को दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड में पेश करने को कहा। उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने सोमवार को देश भर के 67 समाचार पत्रों में माफीनामा प्रकाशित कराया है।
योग गुरु रामदेव ने इस मामले में भी अपनी संवेदनशीलता दिखाई है। उन्होंने कहा, “हम वचन देते हैं कि कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। हम कानूनों और निर्देशों को हमेशा मानेंगे।”
पतंजलि के इस मामले में माफी मांगने के बाद, अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होने वाली है। यह स्थिति दरअसल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि पर लगाए गए आरोपों के संबंध में है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की नजरें पतंजलि के विज्ञापनों की वैधता पर थीं।
यह मामला भारतीय जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें स्वास्थ्य से जुड़े बिना सत्य जानकारी का प्रचार होने की बात आई थी। लोगों को धोखा देने वाले विज्ञापनों के खिलाफ भीतर जानकारी होना चाहिए ताकि वे सही निर्णय ले सकें। यह मामला भारतीय विज्ञापन और उत्पादों के विक्रेताओं के लिए एक संदेश है कि वे अपने दावों की सच्चाई को सत्यापित करने में सजग रहें।
इस प्रकार, पतंजलि के नेता योग गुरु रामदेव और बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन मामले में फिर से माफी मांगी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने का वादा किया है। यह मामला सामाजिक जागरूकता और स्वास्थ्य से जुड़े बिना सत्य विज्ञापनों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। लोगों को सही और सत्यापित जानकारी मिलना चाहिए ताकि वे सही निर्णय ले सकें।