भाई अफजाल अंसारी द्वारा किए गए दावे ने मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर एक नया मोड़ दिया है। यह घटना बिहार की राजनीति में एक तेज़ उछाल का कारण बन गया है। मुख्तार अंसारी, जो गैंगस्टर से राजनीतिज्ञ बने थे, की मौत को लेकर अफजाल अंसारी ने जहर दिए जाने का आरोप लगाया है। इससे पहले भी इस परिवार के सदस्यों के बीच कई विवाद हुए हैं, जो इसे राजनीतिक दायरे में भी ले जाते हैं।
मुख्तार अंसारी की मौत के पीछे कई सवाल उठ रहे हैं। उनकी मौत के बाद उनके परिवार ने जहर दिये जाने का आरोप लगाया है, जिसे उनके भाई अफजाल अंसारी ने भी समर्थन दिया है। अफजाल अंसारी ने अपने बयान में कहा कि मुख्तार ने उन्हें खुद बताया था कि उन्हें 19 तारीख को जहर दिया गया है। इसके बाद उन्होंने उनके इलाज के लिए कोर्ट की स्वीकृति भी मांगी थी।
इस घटना के बाद, अफजाल अंसारी ने जहर दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब मिलीभगत है। वह अपने भाई की मौत के पीछे जहर दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक भी है, तो उसकी वजह है कि उन्हें जहर दिया गया था।
इस बात से स्पष्ट होता है कि मुख्तार अंसारी के परिवार में भाई अफजाल अंसारी की ओर से उठाए गए आरोपों ने घटना को और भी गंभीर बना दिया है। इसके अलावा, इस घटना के पीछे और भी कई राजनीतिक और व्यक्तिगत मोतीव हो सकते हैं, जिनका परिणाम बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
मुख्तार अंसारी की मौत के पीछे जहर दिए जाने का आरोप लगाने से पहले भी अफजाल अंसारी ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को जेल से बाहर निकालने के लिए वकीलों को टास्क दिया था। इसका मतलब यह है कि इस परिवार में दो भाइयों के बीच भी दरारें हैं और यह आधे से ज्यादा राजनीतिक विवादों के साथ जुड़ा है।
इस पूरे मामले में इलाके की पुलिस और संबंधित अधिकारीगण की जांच जरूरी है। जहर दिए जाने का आरोप लगाने वाले अफजाल अंसारी के दावों को साक्ष्य मानकर उसकी जांच करनी चाहिए ताकि सचाई सामने आ सके और उसकी जांच के आधार पर कार्रवाई की जा सके। इससे न केवल दोनों भाइयों के बीच के विवादों को सुलझाया जा सके बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर इस घटना की गंभीरता को समझा जा सके।