आपने सही कहा, दुनिया के सात महाद्वीपों के बजाय अब हमारे पास आठवां महाद्वीप जीलैंडिया का नाम जुड़ गया है. जीलैंडिया का खुदाई और अध्ययन नवीनतम समय में किया गया है, और यह दिखता है कि हमारे प्लेट टेक्टनिक्स की नई समझ और तकनीकी तरीकों के साथ कई रहस्यों को खोलने का समय आ गया है.
जीलैंडिया का खुदाई और अध्ययन
2017 में जीलैंडिया के बारे में पहले बार चर्चा हुई थी जब जीवोलॉजिस्ट्स ने इसके अध्ययन की शुरुआत की और इसे एक आठवां महाद्वीप के रूप में प्रस्तुत किया. यह महाद्वीप करीब 49 लाख वर्गकिमी क्षेत्र में फैला हुआ है और यह गोंडवाना का एक हिस्सा था, जिसका निर्माण करीब 54 करोड़ साल पहले हुआ था.
जीलैंडिया ने जब डूबा
जीलैंडिया की खोज के बाद कुछ नई समझ आई है कि यह महाद्वीप समंदर के नीचे कई कारणों से डूब गया हो सकता है. यहां पर टेक्टोनिक प्लेट्स का महत्वपूर्ण भूमिका होती है. जब समुद्री प्लेट्स एक दूसरे से टकराती हैं, तो कुछ हिस्सा नीचे की ओर खिसक जाता है, और यही तकनीकी दृष्टि से जीलैंडिया का समुद्र के नीचे डूबने का कारण हो सकता है.
भारत का संबंध
इस खोज का भारत से भी एक महत्वपूर्ण संबंध हो सकता है, क्योंकि भारत भी गोंडवाना के हिस्से का हिस्सा था और जीलैंडिया के साथ कुछ गहन गर्दभों के नीचे भी हो सकते हैं. इससे हम भूमि के इतिहास को और भी अधिक समझ सकते हैं और यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे महाद्वीपों का आकार और स्थिति जीवों और प्राकृतिक रूप से बदलते हैं.
इस नए महाद्वीप के खोज का अर्थ है कि हम अपनी पूरी धरती के भौतिक नज़रिये को समझने के लिए और भी तरीकों से सजग हो रहे हैं और यह हमारे विज्ञान और भूगोल के शाखाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है