समर्थन से फ्लोर टेस्ट जीती चंपई सरकार, देश के इकलौते और आखिरी एंग्लो-इंडियन विधायक से मिलिए। ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन किसी एक सीट के नहीं, पूरे झारखंड राज्य के विधायक हैं। वे न केवल झारखंड के बल्कि पूरे भारत के इकलौते मनोनीत एंग्लो-इंडियन विधायक हैं। यह उनका लगातार तीसरा और आखिरी कार्यकाल है।
झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार बनी है। JMM नीत गठबंधन ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित किया। विश्वास मत के समर्थन में 47 वोट पड़े, जिनमें एक वोट ऐसे विधायक का था जो विधानसभा में अपने समुदाय के आखिरी प्रतिनिधि हैं, और वह हैं ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन।
संविधान में व्यवस्था की गई थी कि संसद और विधानसभाओं में एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य मनोनीत किए जाएंगे, लेकिन 2019 में केंद्र सरकार ने संवैधानिक संशोधन के जरिए इस प्रावधान को हटा दिया। जिस समय भी एंग्लो-इंडियन समुदाय के MP और MLA थे, वे अपना कार्यकाल पूरा होने पर रिटायर होते गए। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होते ही गॉलस्टेन भी रिटायर हो जाएंगे। उसके बाद देश में एंग्लो-इंडियन कम्युनिटी का कोई मनोनीत सांसद या विधायक नहीं बचेगा।
जनवरी 2020 में संविधान संशोधन अधिनियम को मंजूरी मिली और उससे ठीक तीन दिन पहले ही, ग्लेन जोसेफ गॉलस्टेन ने झारखंड में विधायक के रूप में शपथ ले ली थी।
एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों को बाकी सदस्यों जैसे ही अधिकार मिलते हैं, लेकिन वे राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते, क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ही मनोनीत किया जाता है।
एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों का प्रतिनिधित्व भारतीय संविधान में किया गया था। इस समुदाय के लोग उस समय की ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों के बच्चों थे, जिन्होंने भारत में रहने के दौरान स्थानीय महिलाओं से विवाह किया था। इसलिए, उन्हें ‘एंग्लो-इंडियन’ कहा जाता है।