इजरायल और हमास के बीच जारी जंग को रोकने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही बाइडेन की इजरायल-जार्डन यात्रा को लेकर बहुत गहरी चिंता बनी हुई है। इसमें ईरान और हेजबोल्ला के बयानों ने मामले को और ज्यादा गंभीरता से लेने में मदद की है। लेबनान की सीमा पर हेजबोल्ला के हमले ने और भी बढ़ाई हैंडव्राइट कोड में तनाव।
इसी बीच, हेजबोल्ला ने इजरायल के उत्तरी सीमावर्ती शहर शुटुला में उसके सैन्य ठिकानों पर किए गए गोलाबारी का दावा किया है। इस तरह के घटनाओं ने सीमा क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है।
इस पर आगे बढ़ते हुए, इजरायली सुरक्षा बलों ने जवाब में लेबनान की ओर तोपों का मुंह खोला है और जिन इलाकों से हेजबोल्ला ने आक्रमण किया है, वहां सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का आयोजन किया है।
इस दौरान, वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीनी शरणार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और इसे लेकर चिंताें भी बढ़ी हैं। इसी कड़ी में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की यात्रा ने इस मामले को और भी ज्यादा जटिल बना दिया है।
आखिरकार, इस समय में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या हमास और हेजबोल्ला आतंकी वारदात को रोकेंगे या इस तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ावा देंगे। इस समय तनाव की चपेट में बढ़ा व्यापक संराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की स्थापना की जा सके।