हमारे देश में पैसा लूटने के लिए भ्रष्टाचार के ऐसे-ऐसे कारनामे किए जाते हैं जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान हो रहा है। मध्यप्रदेश के शिवपुरी में जिंदा मजदूरों को ही भ्रष्ट बताकर 2-4 लाख नहीं बल्कि पूरे 93.56 लाख रुपये की राशि हड़प ली। जैसे ही ये मामला सामने आया तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
एक शिकायत के आधार पर हुआ खुलासा
इस मामले का खुलासा एक शिकायत सामने आने के बाद हुआ। मामला शिवपुरी जनपद पंचायत का है। दरअसल, शिवपुरी जिले में मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल की तरफ से पंजीकृत श्रमिकों को अंत्येष्टि व अनुग्रह सहायता राशि दी जाती है। इस योजना के तहत ही मजदूरों को मृत बताकर इनके नाम पर मिलने वाली राशि दूसरे लोगों के खाते में डालकर निकाल ली गई। इस योजना में शिवपुरी जनपद में 93.56 लाख रुपये का गबन सामने आया है।
इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज
एक शिकायत के बाद ये घोटाला सामने आया है। फिर जिला प्रशासन के अफसर की नींद खुली और पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में इस घोटाले की जांच की गई। मामले की जांच के बाद शिवपुरी जनपद के वर्तमान सीईओ गिर्राज शर्मा द्वारा पोहरी जनपद सीईओ गगन बाजपेयी, राजीव मिश्रा (मुरार ग्वालियर में पदस्थ), शैलेंद्र परमार तत्कालीन कंप्यूटर ऑपरेटर एवं लिपिक वर्ग-3 साधना चौहान व लता दुबे (शाखा प्रभारी) के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है।
दो महिलाएं भी शामिल
जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि 26 हितग्राहियों के नाम पर केस बनाकर धांधली की गई। जिंदा लोगों के नाम पर इतनी बड़ी धोखाधड़ी की गई है। दो जनपद सीईओ के डिजिटल सिग्नेचरों के जरिए ही राशि निकली है। दो महिला लिपिक भी इस मामले में दोषी पाई गई हैं।