मुरादाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने बड़ी फेरबदल की है और अपने उम्मीदवार के रूप में रुचि वीरा को उतारा है। रुचि वीरा को अपना उम्मीदवार बनाने के पीछे काई कारण हैं, जो इस मुद्दे को राजनीतिक दीवारों में रोचक बनाते हैं।
रुचि वीरा, जिन्हें समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाया है, एक अनुभवी राजनेत्री हैं। उनका जन्म 2 सितंबर 1961 को हुआ था और वे मुख्य रूप से बिजनौर की रहने वाली हैं। रुचि वीरा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी पार्टी से ही की थी। वे बिजनौर से सांसद चुनी गईं थीं और विधानसभा के सदस्य बनी थीं। हालांकि, साल 2017 में पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था।
उसके बाद रुचि वीरा ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गई और बिजनौर से उम्मीदवार बनकर चुनाव में भाग लिया। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बसपा ने भी उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। फिर रुचि वीरा ने समाजवादी पार्टी में वापसी की और अब उन्हें मुरादाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है।
रुचि वीरा को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की खास माना जाता है। उन्हें आजम खान के दबाव में उम्मीदवार बनाया गया है। खबरों की माने तो, आजम खान के कहने पर ही अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। यह फैसला राजनीतिक दलों के बीच हलचल मचा देने वाला है।
मुरादाबाद लोकसभा सीट पर रुचि वीरा के उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे काई कारण हैं। पहले तो, समाजवादी पार्टी ने एसटी हसन के उम्मीदवार बनाने के बावजूद भी वह चुनाव नहीं जीत पा रही थी। इसके अलावा, रुचि वीरा को आजम खान का समर्थन मिला है जिससे उन्हें दल की प्रमुख ताकत का समर्थन मिला है। इसके बाद उन्हें मुरादाबाद सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है।
इस प्रकार, रुचि वीरा की चुनावी यात्रा राजनीतिक मंच पर एक नया मोड़ लेती हुई देखी जा रही है। उनके उम्मीदवार बनाए जाने से मुरादाबाद सीट पर चुनाव की लड़ाई और रोमांचक हो गई है। यह चुनाव समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख आजम खान के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पार्टी का भविष्य और उनका प्रभाव सामने आएगा।