लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन को गुरुवार को फोन पर बातचीत की। इस बात की जानकारी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने दी। चर्चा में लाल सागर में हुए हमलों और समुद्री सुरक्षा की स्थिति पर विचार-विमर्श हुआ। ब्लिंकन ने इसमें भारत के साथ व्यापक सहयोग का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि हूतियों के हमले के खिलाफ एकजुटता का समर्थन किया जाए।
मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों नेताओं ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों द्वारा कमर्शियल जहाजों पर हाल ही में हुए हमलों को लेकर सहयोग बढ़ाने की चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने समुद्री सहयोग की पुष्टि भी की, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को सुरक्षित रखने के लिए साझा प्रयास किया जा सकता है।
हूतियों के हमलों के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है और निर्दोष नाविकों की जान भी खतरे में हैं, इस पर चर्चा हुई। एक महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारा के रूप में लाल सागर का महत्व बताते हुए, ब्लिंकन ने इसे एक व्यापारिक हड्डी बताया और इसके लिए भारत के साथ सहयोग का स्वागत किया।
इस बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने इजरायल-हमास संघर्ष को बढ़ने से रोकने और गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता पहुंचाने की भी चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के “आक्रामक युद्ध” पर भी बात की और इसमें भारत के साथ सहयोग की भी बात की।
इस बातचीत के माध्यम से भारत और अमेरिका ने समुद्री सुरक्षा, व्यापारिक गतिविधियों की सुरक्षा और राजनीतिक एकजुटता में सहयोग बढ़ाने का संकल्प किया है। इससे साझा चिंता और समझौता का संकेत मिलता है जो हूतियों के हमलों के खिलाफ एकमतता की बढ़ती आवश्यकता को दर्शाता है।