1 दिसंबर 2023 से भारत में सिम कार्ड खरीदने और बेचने के नए नियम लागू हो रहे हैं, जिससे इस प्रक्रिया में सख्तियाँ बढ़ेंगी। अब ग्राहकों को सिम कार्ड मिलने में पहले की तरह आसानी नहीं होगी, क्योंकि इसके लिए डीलर्स को अपना वेरिफिकेशन कराना होगा।
नए नियमों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को अब उनके सिम कार्ड बेचने वाली दुकान का KYC कराना अनिवार्य होगा। इससे फ्रॉड कॉल्स और स्पैम को रोकने में मदद मिलेगी। डीलर्स को सिम कार्ड बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य होगा। नए नियमों के बावजूद, एक साथ बल्क में सिम कार्ड खरीदना अब मुमकिन नहीं होगा, सिर्फ व्यावसायिक कनेक्शन पर ही थोक सिम मिलेगी।
सिम कार्ड खरीदने से पहले आधार की स्कैनिंग और डेमोग्राफिक डेटा भी अब अनिवार्य होगा। अगर कोई व्यक्ति अपना नंबर बंद कराता है, तो 90 दिन के बाद ही वह नंबर किसी और को दिया जाएगा।
नियमों के अनुसार, सिम कार्ड बेचने के लिए डीलर्स को अब अपना वेरिफिकेशन कराना होगा और उन्हें ग्राहकों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। यदि कोई डीलर इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर दस लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही, अब लोग एक साथ बड़ी मात्रा में सिम नहीं खरीद सकते हैं, बल्कि वह केवल व्यावसायिक कनेक्शन के लिए ही थोक सिम मिल पाएंगे।
नए नियमों के अनुसार, फ्रॉड कॉल्स को कम करने के लिए इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना होगा, लेकिन यह ग्राहकों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। इसके बगैर बहुत बड़ी मात्रा में सिम कार्ड बेचा जा रहा था, जिससे फ्रॉड के मामले बढ़ रहे थे।
नए नियमों के मुताबिक, सिम कार्ड बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, जिससे ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित हो सके।
इसके पिछले कुछ समय में बढ़ रहे फ्रॉड कॉल्स और स्पैम को रोकने के लिए भारत सरकार ने ये सख्ती वाले नियम लागू करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा और तेजी से बढ़ रहे फ्रॉड कॉल्स को रोकना है।