पश्चिम बंगाल के राजनीतिक संग्राम में नए मोड़ आ गए हैं, जब कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लोगों को भाजपा को वोट देने का सुझाव दिया है। यह एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर रहा है और राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ा रहा है।
अधीर रंजन चौधरी का वीडियो वायरल होने के बाद, तृणमूल कांग्रेस ने इसे कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए प्रचार करना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है और इससे पार्टी के वैचारिक कमिटमेंट का उल्लंघन होता है।

पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनावी महौल में यह वीडियो एक बड़ा बवाल उत्पन्न कर रहा है। भाजपा ने इसका फायदा उठाया और कहा कि इससे साफ होता है कि कांग्रेस और तृणमूल के बीच गठबंधन के संभावनाएं नहीं हैं।
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने अधीर रंजन चौधरी को भाजपा का एजेंट बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल के बीच गठबंधन की संभावना थी, लेकिन अधीर रंजन चौधरी की इस टिप्पणी ने उसे मुक्त कर दिया।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को वोट देने से बेहतर है कि लोग भाजपा को वोट दें। यह बयान उनके साथी राजनीतिक दलों के बीच आपसी असहमति का कारण बन गया है।

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस घटना के संबंध में चुप्पी बनाए रखी है और कहा है कि उनकी पार्टी के वैचारिक कमिटमेंट के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। वे सभी नेताओं को सलाह दे रहे हैं कि वे इस तरह की बयानबाज़ी से बचें और पार्टी की आदर्शों को मानें।
पश्चिम बंगाल के चुनाव में यह घटना राजनीतिक संग्राम में एक नया मोड़ ला सकती है और पार्टीयों के बीच संघर्ष को और तेज़ कर सकती है। इससे पश्चिम बंगाल के लोकतंत्र में नए उतार-चढ़ाव की संभावनाएं हो सकती हैं और चुनावी परिणाम पर प्रभाव डाल सकती हैं।
अधीर रंजन चौधरी के इस बयान से साफ होता है कि उनकी पार्टी में आंतरिक विवाद हैं और यह चुनाव के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। वे इस मामले में संगठन की सामर्थ्य को लेकर सकारात्मक रूप से काम करने की जरूरत है ताकि वे चुनाव में मजबूती से सामना कर सकें।