आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जमानत की कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इस निर्णय के बाद उन्हें जमानत की शर्तों का पालन करते हुए अदालत से बिना इजाजत दिल्ली नहीं छोड़ सकेंगे। इस घटना के बाद देश में विवाद उठा है और इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं हो रही हैं।
जमानत के लिए निर्धारित बेल बॉन्ड की राशि 2 लाख रुपये है, जो कि संजय सिंह की पत्नी द्वारा जमा की गई है। उन्हें जमानत की शर्तों का पालन करने के लिए पंजीकृत पैमाने पर सुनवाई के लिए अदालत में पेश होना होगा। इसके अलावा, उन्हें जांच में सहयोग करने के लिए भी आदेश दिया गया है और जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले के मामले में संजय सिंह की भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है। उन्हें आगे जाने से पहले अपनी यात्रा के कार्यक्रम आईओ के साथ साझा करना होगा और वह अपनी लोकेशन शेयरिंग भी ऑन रखेंगे और आईओ के साथ उसे शेयर करेंगे।
संजय सिंह को ईडी ने 4 अक्टूबर 2023 को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था, जब ईडी की चार्जशीट पर उनके ऊपर 82 लाख रुपये चंदा लेने का आरोप लगाया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद उन्हें कई घंटे की पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था।

यह घटना दिल्ली राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीव्र विवाद हो रहा है। इसके अलावा, जनता के बीच भी इस घटना को लेकर विचार-विमर्श हो रहा है।
इस विवाद के बावजूद, आदालत ने संजय सिंह को जमानत देने का निर्णय लिया है, लेकिन उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इससे साफ होता है कि कानून के अधीन व्यक्तियों को सख्ती से जमानत मिलती है, लेकिन उन्हें शर्तों का पालन करना भी अनिवार्य होता है।
अब यह देखना है कि संजय सिंह के खिलाफ आरोपित आरोपों के संबंध में जांच में क्या नतीजे सामने आते हैं और कोर्ट की अगली सुनवाई में क्या निर्णय होता है।