आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद, संजय सिंह को आबकारी नीति घोटाले के मामले में जमानत मिलने की खुशखबरी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने का फैसला किया है। संजय सिंह को पिछले 6 महीनों से जेल में बंद रखा गया था इस मामले में। इस फैसले के साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने की भी शर्त लगाई है।
सुनवाई के दौरान, संजय सिंह के वकीलों ने जमानत याचिका पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग की कोई पुष्टि नहीं हुई है और मनी ट्रेल का भी पता नहीं चला है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में जमानत मिलनी चाहिए क्योंकि कोई साक्ष्य नहीं है जो उनके खिलाफ हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर यकीन करते हुए संजय सिंह को जमानत देने का फैसला किया है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने की भी शर्त लगाई है। इसका मतलब है कि वे किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते हैं और उन्हें इस बारे में सावधानी बरतनी होगी।
इस मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने संजय सिंह की जमानत के खिलाफ कोई आपत्ति नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने उन्हें जमानत देने का फैसला किया।
यह मामला अक्टूबर 2023 में उज्जैन की अदालत ने ईडी के हवाले से गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के बाद सामने आया था। उस दौरान, संजय सिंह को शराब नीति घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनके आवास पर छापेमारी हुई थी। उसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था और उन्हें कई घंटे तक पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था। हालांकि, उस समय हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इस मामले में संजय सिंह को उस समय अप्रूवर बने दिनेश अरोड़ा के बयान के तहत गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उनके वकीलों ने हमेशा उनकी बेगुनाही की बात की है और इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
अब, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, संजय सिंह को जमानत मिलने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। उन्हें अब जेल से राहत मिलेगी और वह अपनी राजनीतिक गतिविधियों को जारी रख सकेंगे। इस फैसले से उनके समर्थकों को भी बड़ी राहत मिली है और वे उनके साथ हैं।