ईरान में हाल ही में एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री आमिर-अब्दुल्लाहियन और छह अन्य की मृत्यु हो गई। इस दुर्घटना के बाद ईरान की सरकार ने अमेरिका से जांच में मदद का अनुरोध किया था। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह इस जांच में सहायता नहीं कर पाएगा। यह निर्णय लॉजिस्टिक (साजो-सामान) कारणों की वजह से लिया गया है। अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक ने इस बात की पुष्टि की है।
अमेरिकी रुख
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अमेरिका आमतौर पर विदेशी सरकारों की मदद करने के लिए तैयार रहता है, लेकिन इस स्थिति में लॉजिस्टिक कारणों के चलते वे मदद करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसी भी राजनीतिक कारणों से नहीं लिया गया है, बल्कि पूरी तरह से साजो-सामान की जटिलताओं के कारण है।
शोक और संवेदना
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प्रवक्ता मिलर ने यह भी बताया कि अमेरिका ने राष्ट्रपति रईसी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस घटना के मद्देनजर एक मौन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें अमेरिका ने हिस्सा लिया। मिलर ने कहा कि अमेरिका किसी भी ऐसी दुर्घटना में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है, चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो।
राष्ट्रपति रईसी का रिकॉर्ड
मैथ्यू मिलर ने यह भी उल्लेख किया कि राष्ट्रपति रईसी का रिकॉर्ड ईरान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और जनता के दमन से जुड़ा हुआ है। रईसी का नाम उन नेताओं में शामिल है, जिन्होंने पिछले चार दशकों में ईरान में कठोर नीतियां लागू की और जनता के विरोध को दबाने के लिए कठोर कदम उठाए। मिलर ने कहा, “यह तथ्य नहीं बदला है कि रईसी के हाथ खून से सने थे।”
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका की इस प्रतिक्रिया पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ देशों ने अमेरिका के इस कदम को समझा है, जबकि कुछ ने इसे नकारात्मक रूप में लिया है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि अमेरिका ने अपने लॉजिस्टिक कारणों को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है।
ईरान की स्थिति
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ईरान के लिए यह हादसा एक बड़ा झटका है। राष्ट्रपति रईसी को अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था। उनकी मौत ने ईरान की राजनीतिक स्थिति को अस्थिर कर दिया है। अब यह देखना होगा कि ईरान इस स्थिति से कैसे निपटता है और अगला नेता कौन होगा जो खामेनेई के बाद सत्ता संभालेगा।
सुरक्षा परिषद का मौन कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित मौन कार्यक्रम ने भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया कि अमेरिका और अन्य देश इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और ईरान के नेताओं और अन्य लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में साजो-सामान और राजनयिक जटिलताएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अमेरिका का यह निर्णय दर्शाता है कि कभी-कभी राजनीतिक दृष्टिकोण से परे, व्यावहारिक और तकनीकी कारणों से भी निर्णय लिए जाते हैं। ईरान और अमेरिका के बीच के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं, और इस घटना के बाद स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।
इस दुर्घटना के बाद ईरान को अपनी आंतरिक और बाह्य नीतियों में बदलाव करने की जरूरत होगी। यह हादसा न केवल ईरान के लिए बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि ईरान कैसे आगे बढ़ता है और अपनी राजनीतिक स्थिरता को कैसे बनाए रखता है।
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यह घटना यह भी याद दिलाती है कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में संबंध जटिल और बहुआयामी होते हैं। अमेरिका ने इस बार साजो-सामान की कठिनाइयों को प्राथमिकता दी है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि वे किसी भी देश के नागरिकों की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं, चाहे उनके राजनीतिक रुख कुछ भी हों।