उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा (KL शर्मा) इस समय भाजपा की स्मृति ईरानी को करारी शिकस्त दे रहे हैं। यह खबर भारतीय राजनीति के गलियारों में हलचल मचा रही है क्योंकि अमेठी सीट, जिसे कभी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता था, 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराकर जीती थी। आइए जानते हैं, कौन हैं किशोरी लाल शर्मा और कैसे वे कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण उम्मीदवार बन गए।
गांधी परिवार के विश्वासपात्र
किशोरी लाल शर्मा का नाम कांग्रेस में नया नहीं है। वे लंबे समय से गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे हैं। शर्मा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भी करीबी रहे हैं। शर्मा ने कांग्रेस के साथ अपनी यात्रा 1983 में शुरू की, जब वे राजीव गांधी की नीतियों से प्रभावित होकर उनके संपर्क में आए। राजीव गांधी ने उन्हें अपना साथी बनाकर अमेठी लाया, और तब से शर्मा ने कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनीतिक करियर और अनुभव
किशोरी लाल शर्मा एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कुशल रणनीतिकार हैं। वे संगठनात्मक कार्यों में माहिर हैं और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। शर्मा बिहार कांग्रेस के प्रभारी रह चुके हैं और पंजाब में चुनाव के समय भी उन्होंने कांग्रेस की ओर से मिली जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक संभाला। वे पंजाब कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं।
शर्मा का अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के लिए योगदान अतुलनीय है। उन्होंने सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में काम किया और इस दौरान कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके मार्गदर्शन में ही कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में अपनी पकड़ मजबूत रखी है। शर्मा के प्रयासों के कारण ही कांग्रेस इन क्षेत्रों में अपने पांव जमाए हुए है।
अमेठी से उम्मीदवार बनना
कांग्रेस ने इस बार अमेठी से राहुल गांधी का टिकट काटकर किशोरी लाल शर्मा पर भरोसा जताया था। यह फैसला पार्टी की रणनीति का हिस्सा था, जिसमें नए चेहरों को मौका देने और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने पर जोर दिया गया था। शर्मा ने इस विश्वास को सही ठहराते हुए पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम किया है। अमेठी में 20 मई को 5वें चरण में हुए मतदान में शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को 30,000 से अधिक वोटों से पीछे छोड़ दिया है। यह परिणाम कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है और शर्मा की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।
व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि
किशोरी लाल शर्मा का जन्म पंजाब के लुधियाना जिले में हुआ था। वे एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं और राजनीति में आने से पहले समाजसेवा में भी सक्रिय थे। शर्मा ने कांग्रेस के साथ अपने करियर की शुरुआत एक कार्यकर्ता के रूप में की और धीरे-धीरे पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होते गए। उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के करीब ला दिया।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
अमेठी में शर्मा की जीत कांग्रेस के लिए एक बड़ी सफलता होगी। यह न केवल पार्टी के लिए एक मनोबल बढ़ाने वाला परिणाम होगा, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा। शर्मा की जीत से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने में मदद मिल सकती है। यह भी साबित होता है कि कांग्रेस के पास अभी भी ऐसे नेता हैं जो पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
किशोरी लाल शर्मा का कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ लंबा और मजबूत संबंध है। उनकी मेहनत, समर्पण और कुशल रणनीति ने उन्हें अमेठी से उम्मीदवार बनने का मौका दिलाया। वर्तमान चुनावी परिणाम दर्शाते हैं कि उनका यह कदम सफल हो रहा है और वे स्मृति ईरानी को बड़ी बढ़त से पीछे छोड़ रहे हैं। उनकी जीत से कांग्रेस को नई ऊर्जा मिलेगी और पार्टी को आगामी चुनावों के लिए मजबूती मिलेगी। शर्मा की कहानी प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि सच्चे समर्पण और मेहनत से क्या हासिल किया जा सकता है।