पावापुरी बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित एक शहर है, जो राजगीर और बौद्ध गया के पास स्थित है। यह शहर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यहीं भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस शहर के जलमंदिर की सुंदरता देखने पर आदमी का मन हर्षित हो जाता है। पूरे पावापुरी शहर को कैमूर पहाड़ी पर बसाया गया है। यह शहर आपको अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करने का वादा करता है। पावापुरी में आप आपने आप को महावीर की महिमा और जैन धर्म की महत्त्वपूर्ण स्थलों के प्रति समर्पित कर सकते हैं। इसके अलावा, इस शहर में स्थित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारक भी आपको आकर्षित करेंगे। यहाँ की वातावरण शांतिपूर्ण और प्रशांत होती है, जिससे आत्मा आनंदित होती है और आपको मन की शांति मिलती है।
पावापुरी का इतिहास, जल मंदिर का इतिहास
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पावापुरी बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां पर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान वर्द्धमान महावीर स्वामी ने ईसा से 490 वर्ष पूर्व परिनिर्वाण प्राप्त किया था।
भगवान वर्द्धमान महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 600 वर्ष पूर्व हुआ था। उनका बचपनीय नाम वर्द्धमान था और उनका जन्म वैशाली के पास कुण्डग्राम (आधुनिक बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले) में हुआ था। कुण्डग्राम उस समय ज्ञातक नामक क्षत्रियों का गणराज्य था और भगवान वर्द्धमान महावीर के पिता का नाम सिद्धार्थ था, जो इस गणराज्य के प्रमुख राजा थे।
भगवान वर्द्धमान महावीर की माता और पिता कौन थे
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भगवान वर्द्धमान महावीर की माता का नाम विशाला देवी था और वे वैशाली गणराज्य के छोटे से राज्य लिच्छवी के राजा चेतक की बहन थी। भगवान वर्द्धमान महावीर का जीवन पूर्वानुभूत शांति और आध्यात्मिक तत्वों पर ध्यान केंद्रित करता था। उन्होंने अपने जीवन के दौरान तपस्या, संयम और आध्यात्मिक ज्ञान की दिशा में गहन अध्ययन किया। उनकी शिक्षा और उपदेशों ने उन्हें एक महान आध्यात्मिक नेता बना दिया था।
भगवान वर्द्धमान महावीर स्वामी ने अपने जीवन की अंतिम पड़ाव
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जब भगवान वर्द्धमान महावीर स्वामी ने अपने जीवन की अंतिम पड़ाव प्राप्त की, तो वे पावापुरी नामक गाँव में विश्राम कर रहे थे। उनके परिनिर्वाण की घटना ने इस स्थान को एक पवित्र तीर्थ स्थान बना दिया। यहां पर भगवान महावीर के अवशेषों को समाधि स्थल के रूप में संजोया गया है और वहाँ परिणिर्वाण मंदिर का निर्माण किया गया है।
पावापुरी के अन्य धार्मिक स्थलों में जल मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान है
पावापुरी के अन्य धार्मिक स्थलों में जल मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह मंदिर जल के ऊपर स्थित है और उसकी विशेषता यह है कि इसे नागप्रभा रत्न की मदद से निर्मित किया गया है। इस मंदिर की अद्भुत सुंदरता और जल की सतत धारा आकर्षक होती है। प्रतिदिन की आरती के समय, मंदिर सजा होता है|