भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान मिशनों में एक नया मील का पत्थर है, जिसका नाम है “व्योममित्र”। इस रोबोट का उद्देश्य अंतरिक्ष में मानवों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित यात्रा को साधना है। इसका परीक्षण गगनयान मिशन के साथ जुड़ा हुआ है और यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में नए हाइट्स तक पहुँचाएगा।
गगनयान मिशन के सफलतापूर्वक पूरे होने के बाद, भारत अब अधिक उच्च स्तर के मिशन्स की तैयारी कर रहा है, और इसमें व्योममित्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसमें से एक भूमिका है व्योममित्र की, जो एक हाइली एआई-सक्षम रोबोट है, जिसे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और जो मानवों की तरह चलने, बोलने, और देखने की क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है।
व्योममित्र का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रा के दौरान मानवों को सहायक बनना है। इसे भविष्य में होने वाली मानव यात्राओं के लिए एक सहायक माध्यम के रूप में देखा जा रहा है, जो नए तकनीकी और वैज्ञानिक उत्कृष्टता के साथ लैस होगा।
व्योममित्र को एआई-सक्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह रोबोट उड़ान भरने के दौरान कंपन और झटकों को भी झेल सकता है। इसमें इंसानों के साथ समानता बनाए रखने का प्रयास किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह अधिक विशेषज्ञता वाली कार्यों को समर्थन कर सके।
इसके अलावा, व्योममित्र की मदद से इंटीग्रेटेड एयर ड्राप, पैड अबार्ट टेस्ट और टेस्ट वीकल फ्लाइट्स के ऑपरेशन को समझने में मदद मिलेगी। यह रोबोट ना सिर्फ निगरानी बल्कि अलर्ट भेज सकता है, और इसके जरिए जो भी खामियां होंगी उन्हें सुधारने में मदद मिलेगी।
21 अक्टूबर को व्योममित्र की टेस्ट फ्लाइट का आयोजन हो रहा है, जिससे इसकी क्षमताओं और संभावनाओं का पूरा परीक्षण होगा। इससे पहले, इसे गगनयान मिशन के तैयारी के लिए तैयार किया जा रहा था |